नोवेल कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि भारत की आबादी को देखते हुए हर्ड इम्युनिटी (सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता) रणनीतिक विकल्प नहीं हो सकती.
स्वास्थ्य मंत्रालय में ओएसडी राजेश भूषण ने कहा, ‘‘भारत जैसी आबादी वाले किसी देश में हर्ड इम्युनिटी रणनीतिक विकल्प नहीं हो सकती. यह सिर्फ एक परिणाम हो सकती है और वह भी बड़ी भारी कीमत पर यानी लाखों लोग संक्रमित हों, हॉस्पिटल में भर्ती हों और जब इस प्रक्रिया में कई लोगों की मौत हो जाए.’’
उन्होंने कहा, ‘‘क्या हम हर्ड इम्युनिटी की ओर बढ़ रहे हैं? स्वास्थ्य मंत्रालय का मानना है कि यह स्थिति अभी दूर है और भविष्य की बात है. फिलहाल हमें मास्क पहनने, एक जगह ज्यादा संख्या में जमा होने से बचने, हाथ साफ करने और दो गज की दूरी बनाकर रखने जैसे उचित तौर-तरीकों का पालन करना होगा.’’
ओएसडी ने कहा, ‘‘जब तक वैक्सीन नहीं बन जाती, COVID-19 से बचने के तौर-तरीकों का पालन ही इस महामारी के खिलाफ सामाजिक वैक्सीन है.’’
डब्ल्यूएचओ ने युवाओं को फिर दी चेतावनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने गुरुवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि तथ्य दर्शाते हैं कि कुछ देशों में अब कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी इसलिए देखी जा रही है क्योंकि गर्मियों में युवाओं ने सतर्कता में ढील बरतनी शुरू कर दी है.
उन्होंने कहा, “हमने यह पहले भी कहा है, और फिर कहेंगे- ‘युवा अपराजेय नहीं हैं.’ युवा संक्रमित हो सकते हैं; युवाओं की मौत हो सकती है; और युवा यह वायरस दूसरों तक फैला सकते हैं.”
महानिदेशक घेबरेयेसस ने जोर देकर कहा कि COVI-19 महामारी के दौरान युवाओं को नेतृत्व करते हुए बदलाव लाने की कोशिश करनी चाहिए.
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