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जामिया-AMU छात्रों के समर्थन में आए 19 अमेरिकी University के छात्र

स्टूडेंट्स ने मांग की है कि भारत में छात्रों को बिना पुलिस के डर के शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की इजाजत दी जाए

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भारत
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अमेरिका की करीब 19 यूनिवर्सिटी के 400 स्टूडेंट्स और एलुमनाई ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों को अपना समर्थन दिया है. हार्वर्ड, येल, कोलंबिया, स्टैनफॉर्ड समेत कुल 19 यूनिवर्सिटी ने बयान जारी कर भारत में छात्रों पर 'हिंसक पुलिस कार्रवाई' की निंदा की है.

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‘हम असंवैधानिक और भेदभाव वाले नागरिकता कानून के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे भारत की सभी यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ हैं. हम दिल्ली पुलिस, उत्तर प्रदेश पुलिस और सीआरपीएफ के सत्ता के दुरुपयोग करने की तत्काल, स्वतंत्र और कड़ी जांच की मांग करते हैं.’
400 स्टूडेंट्स का बयान

‘प्रदर्शन की इजाजत दी जाए’

स्टूडेंट्स ने मांग की है कि भारत में छात्रों को बिना पुलिस के डर के शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की इजाजत दी जाए. साथ ही इस लेटर में स्टूडेंट्स ने लिखा कि गृहमंत्री अमित शाह या तो पुलिस के खिलाफ एक्शन लें या फिर इस्तीफा दें.

जिन यूनिवर्सिटी के छात्रों और एलुमनाई के समूह ने बयान पर साइन किए हैं, उनमें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, कोलंबिया यूनिवर्सिटी, येल यूनिवर्सिटी, न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, मिशिगन यूनिवर्सिटी, शिकागो यूनिवर्सिटी, ब्राउन यूनिवर्सिटी, जॉर्ज टाउन यूनिवर्सिटी, पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी, कॉर्नेल यूनिवर्सिटी, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, बर्कले पर्डयू यूनिवर्सिटी और इलिनोइस यूनिवर्सिटी शामिल हैं.

हार्वर्ड लॉ स्कूल से झलक एम. कक्कड़ के माध्यम से जारी बयान में कहा गया है,

‘जामिया और एएमयू में पुलिस ने हिंसा का इस्तेमाल किया है. भारत और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के तहत प्रदर्शनकारियों के खिलाफ गैरकानूनी और लापरवाह रणनीति अपनाई गई है.’

इन यूनिवर्सिटी के अलावा, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और जर्मनी में भी छात्रों के समर्थन में प्रदर्शन देखने को मिला.

जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अलावा देशभर के अलग-अलग कॉलेजों-यूनिवर्सिटी के छात्र हाल ही में पास हुए नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों ने इस कानून को असंवैधानिक और भेदभावपूर्ण बताया है.

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