राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने जर्मनी की कार बनाने वाली कंपनी फॉक्सवैगन पर 500 करोड़ का जुर्माना लगाया है. फॉक्सवैगन पर आरोप है कि उसने भारत में बिकने वाली डीजल कारों में चीट डिवाइस लगाया है. इससे गाड़ियों से निकलने वाले धुएं का स्तर छुप जाता है और पर्यावरण को भारी नुकसान हुआ है.
गुरुवार को एनजीटी ने फॉक्सवैगन की गाड़ियों पर बैन लगाने की याचिका पर सुनवाई करने के दौरान कंपनी पर यह जुर्माना ठोका.
एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने फॉक्सवैगन को दो महीने के अंदर ये राशि जमा कराने के लिए कहा है.
क्या है ये चीट डिवाइस?
चीट डिवाइस एक उपकरण है, जो कार की तकनीक में छेड़छाड़ कर उसकी परफॉर्मेंस में बदलाव करता है. ऐसा कहा जा रहा है कि फॉक्सवैगन ने भी अपनी कारों में इसी उपकरण का इस्तेमाल मानकों पर खरा उतरने के लिए किया है.
बता दें कि फॉक्सवैगन ने भी ये माना था कि उसने अमेरिका और यूरोप समेत कई बड़े बाजारों में बिकी 1 करोड़ से ज्यादा डीजल कारों के इमीशन रिजल्ट में छेड़छाड़ करने के लिए चीट डिवाइस का इस्तेमाल किया.
2018 से चल रही है फॉक्सवैगन पर कार्रवाई
एनजीटी ने 16 नवंबर 2018 को कहा था कि फॉक्सवैगन ने देश में डीजल कारों से निकलने वाले धुएं का स्तर छिपाने वाले उपकरणों का इस्तेमाल किया है. इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचा है.
भारत में इस फॉक्सवैगन ने इस डिवाइस को अपनी गाड़ियों में लगाया, जो परीक्षण के दौरान सही उत्सर्जन मानक यानी गाड़ियों से निकलने वाले प्रदूषण का लेवल सही दिखाता था, जबकि असल में कंपनी की गाड़िया उत्सर्जन मानकों का उल्लंघन कर रही थीं.
एनजीटी ने उस वक्त कंपनी को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास 100 करोड़ रुपये की अंतरिम राशि जमा कराने का भी आदेश दिया था.
भारत में बिकती हैं फॉक्सवैगन की ये कारें
भारत में बिकने वाली गाड़ियों में फॉक्सवैगन की गाड़ियों का बहुत बड़ा हिस्सा है. भारत में बिकने वाली फॉक्सवैगन गाड़ियों की भी बड़ी रेंज है. फॉक्सवैगन की पोलो, वेंटो, पस्सा, टिगुआं, एमिओ गाड़ियां सबसे ज्यादा पॉपुलर हैं.
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