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दिल्ली: 1 जनवरी से दस साल पुराने वाहनों पर लगेगी रोक, जानिए सारे नियम

NGT के 2014 के आदेश में किसी भी सार्वजनिक स्थान पर 15 साल से अधिक पुराने वाहनों की पार्किंग पर प्रतिबंध लगाया गया था

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नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (NGT) ने देश की राजधानी दिल्ली में दौड़ रही दस साल पुराने सारे डीजल वाहनों (10 Years Old Diesel Vehicles) और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर रोक लगा दी है. ये रोक दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर लगाई गई है जो 1 जनवरी, 2022 से लागू हो जाएगी. आइए जानते हैं इससे जुड़े सारे नियम-कायदे.

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दिल्ली में पुराने वाहनों को लेकर क्या फैसला लिया गया है?

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की वजह से उन सभी डीजल वाहनों के लाइसेंस को रद्द कर दिया जाएगा जो 10 साल या 15 साल पुराने हैं. साथ ही 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के लाइसेंस को भी रद्द कर दिया जाएगा. वहीं एनजीटी के 2014 के एक आदेश ने किसी भी सार्वजनिक स्थान पर 15 साल से अधिक पुराने वाहनों की पार्किंग पर भी प्रतिबंध लगा दिया था.

जिन वाहनों के लाइसेंस रद्द किए जा रहे हैं उनका क्या होगा?

जिन 10 साल पुराने डीजल वाहनों और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के लाइसेंस को रद्द किया जाएगा उन्हें एनओसी भी जारी किया जाएगा ताकि दिल्ली से बाहर उनका फिर से रजिस्ट्रेशन किया जा सके. अगर कोई डीजल वाहन 15 साल पुराना है उसे एनओसी भी जारी नहीं किया जाएगा उसे कबाड़ में ही देना होगा.

किन 10 साल पुराने वाहनों का लाइसेंस रद्द नहीं किया जाएगा?

दिल्ली के ट्रांस्पोर्ट मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि 10 साल पुराने डीजल वाहन अगर अपने वाहन के इंजन को इलेक्ट्रिक इंजन में बदल लेते हैं तो उन कारों के लाइसेंस को रद्द नहीं किया जाएगा.

क्या पुराने वाहनों पर कार्रवाई शुरु हो गई है?

दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया है कि पुराने डीजल वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.अब तक लगभग 1 लाख वाहनों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है. अब ऐसे सभी वाहनों का 1 जनवरी, 2022 से कड़ाई से पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा. लगभग 2 लाख डीजल वाहन जो कम से कम 10 साल पुराने हैं, 1 जनवरी से डी-रजिस्टर्ड हो जाएंगे.

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दिल्ली में पुराने वाहनों की कितनी संख्या है?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली में पुराने वाहनों की संख्या 38 लाख है. अधिकारियों ने बताया है कि इसमें 3 लाख डीजल वाहन शामिल हैं जो 10 साल से ज्यादा पुराने हैं और लगभग 35 लाख पेट्रोल वाहन हैं जो 15 साल से ज्यादा पुराने हैं.

बता दें कि ग्रीन ट्रिब्यूनल ने जुलाई 2016 में एक आदेश जारी किया था जिसमें कहा था कि 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों के डी-रजिस्ट्रेशन के निर्देश का पालन किया जाए.

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