ह्यूमन राइट्स संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) ने मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा कश्मीरी कार्यकर्ता खुर्रम परवेज (Khurram Parvez) की गिरफ्तारी की निंदा की, उन्होंने कहा कि भारत में विरोध को दबाने के लिए आतंकवाद विरोधी कानूनों (UAPA) का दुरुपयोग किया जा रहा है.
एचआरडी (मानवाधिकार रक्षकों) को टारगेट करने के बजाय, अथॉरिटीज को मानव के अधिकारों का उल्लंघन के लिए जवाबदेही लाने पर ध्यान देना चाहिए.एमनेस्टी इंटरनेशनल
एनआईए ने सोमवार को खुर्रम परवेज को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकी फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था.
संयुक्त राष्ट्र के दो विशेष दूतों सहित कई अन्य कार्यकर्ताओं, राजनेताओं और पत्रकारों ने भी परवेज की गिरफ्तारी की निंदा की है.
स्वराज इंडिया के अध्यक्ष और किसान अधिकार कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने कहा,
"खुर्रम परवेज की गिरफ्तारी शर्म की बात होनी चाहिए. एक मानवाधिकार रक्षक पर अब आतंकवाद का आरोप लगाया जा रहा है और वह बिना मुकदमे के जेल में रहेगा. 2016 में, 2 महीने से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद, अदालत ने उनकी नजरबंदी को 'अवैध' बताया. क्या राज्य को कभी नहीं सीखना चाहिए?"
कई अन्य लोगों ने भी ट्विटर रिएक्शन दिया है. संयुक्त राष्ट्र के पूर्व विशेष दूत डेविड काये ने कहा, "अगर, जैसा कि रिपोर्ट किया गया है, खुर्रम परवेज को भारत के 'आतंकवाद-निरोध' एनआईए द्वारा गिरफ्तार किया गया है, तो यह कश्मीर में एक और असाधारण दुर्व्यवहार है"
संयुक्त राष्ट्र की विशेष रिपोर्टर मैरी लॉलर ने कहा, "मैं परेशान करने वाली खबरें सुन रहा हूं कि खुर्रम परवेज को आज कश्मीर में गिरफ्तार किया गया और भारत में अथॉरिटीज द्वारा आतंकवाद से संबंधित अपराधों के आरोप लगाए जाने का खतरा है. वह आतंकवादी नहीं है, वह मानवाधिकार रक्षक है.
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