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पुलवामा हमला: साजिश, तैयारी और आतंकी ट्रेनिंग- 10 बड़ी बातें

पुलवामा आतंकी हमले को लेकर एनआईए की चार्जशीट में खुलासा

Published
भारत
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जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में भारतीय सुरक्षाबलों पर हुए बड़े आतंकी हमले को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने चार्जशीट दाखिल की है. जिसमें जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर और उसके भाई अब्दुल रऊफ असगर समेत कुल 19 लोगों के नाम शामिल हैं. इस चार्जशीट में पुलवामा हमले की पूरी साजिश का खुलासा किया गया है. बताया गया है कि कैसे आतंकियों ने ये पूरी योजना बनाई और कैसे इसे अंजाम दिया गया. हम आपको पुलवामा हमले की इस चार्जशीट में शामिल 10 बड़ी बातों को बता रहे हैं.

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  1. एनआईए ने बताया है कि जांच में पता चला कि ये जैश का एक काफी सोचा समझा प्लान था. इसके लिए बकायदा जैश ने अपने आतंकियों को अफगानिस्तान ट्रेनिंग के लिए भेजा था, जहां उन्होंने अल-कायदा-तालिबान जैश और हक्कानी जैश के ट्रेनिंग कैंप्स में विस्फोटक और अन्य आतंकी गतिविधियों की ट्रेनिंग ली.
  2. इस घटना का एक मुख्य आरोपी मोहम्मद उमर फारूक भी विस्फोटकों की ट्रेनिंग के लिए साल 2016-17 में अफगानिस्तान गया था. जिसके बाद उसने अप्रैल 2018 में जम्मू से भारत में घुसपैठ की थी और पुलवामा में जैश का कमांडर बना था.
  3. उमर फारूक ने अपने पाकिस्तानी साथियों मोहम्मद कामरान, मोहम्मद इस्माइल, सैफुल्ला और कारी यासीर समेत कश्मीर के लोकल साथियों समीर डार और आदिल अहमद डार के साथ मिलकर सुरक्षाबलों पर आईईडी ब्लास्ट की प्लानिंग की.
  4. आतंकियों के लिए शकीर बशीरस इंशा जान, पीर तारीक अहमद शाह और बिलाल अहमद ने लॉजिस्टिक की सुविधा मुहैया कराई. साथ ही आतंकियों को अपने घर पर रखा. दिसंबर 2018 से ही शकीर बशीर जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर सुरक्षाबलों की मूवमेंट पर नजर रखे हुए था.
  5. मुदस्सिर अहमद खान ने शकीर बशीर को जिलेटिन की छड़ियां मुहैया कराईं. पाकिस्तानी आतंकी, जो घुसपैठ कर भारत में घुसे थे वो अपने साथ आरडीएक्स लेकर आए थे. बशीर ने इसके बाद जिलेटिन स्टिक, आरडीएक्स, एलुमिनियम पाउडर को अपने घर पर आईईडी बनाने के लिए रखा.
  6. इसके बाद साल 2019 जनवरी में सज्जाद अहमद भट ने आईईडी अटैक के लिए मारुति ईको खरीदी. जो शकीर बशीर के घर के बाहर खड़ी होती थी. फरवरी की शुरुआत में आईईडी तैयार कर लिया गया. जिसे दो कंटेनर में रखा गया था. जिनमें से एक 160 किलो का था और दूसरा 40 किलो का. दोनों आईईडी कंटेनर्स को मारुति ईको में फिट किया गया. आतंकियों का प्लान 6 फरवरी को अटैक करने का था, लेकिन भारी बर्फबारी से नेशनल हाईवे बंद हो गया.
  7. आतंकियों के पास आईईडी फिटेड कार कई दिनों से थी, लेकिन उन्हें मौका मिला 14 फरवरी को, जब नेशनल हाईवे को खोला गया. पहले शकीर बशीर ने हाईवे तक कार चलाई, जिसके बाद आदिल अहमद डार ने गाड़ी अपने हाथों में ली और सीआरपीएफ के काफिले में 200 किलो आईईडी भरी इस कार को घुसा दिया. जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए.
  8. इस आतंकी हमले के पहले और बाद में मसूद अजहर, रऊफ असगर और अमर अल्वी लगातार भारत में मौजूद आतंकियों से संपर्क बनाए हुए थे. पुलवामा हमले के बाद भी उनका एक और हमले का प्लान था, लेकिन बालाकोट एयर स्ट्राइक और मुख्य साजिशकर्ता मोहम्मद उमर फारूक के मारे जाने के बाद इसे रद्द कर दिया गया.
  9. जांच में ये भी पता चला कि पाकिस्तान ने अपने इस मंसूबे को अपने आतंकी कैंप के जरिए अंजाम दिया. जम्मू के सांबा-कठुआ सेक्टर के ठीक पीछे मौजूद शकरगढ़ (पाकिस्तान) लॉन्च पैड से पाकिस्तान ने भारत में आतंकियों की घुसपैठ कराई थी.
  10. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले को लेकर लगातार एक साल तक जांच की. जिसमें कई भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की मदद ली गई. जिसके बाद अब आखिरकार सभी सबूतों के साथ चार्जशीट दाखिल की गई है.
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