साल 2007 में हुए अजमेर दरगाह बम ब्लास्ट केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने साध्वी प्रज्ञा और आरएसएस कार्यकर्ता इंद्रेश कुमार को क्लीन चिट दी है.
सोमवार को एनआईए ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में कहा है कि साध्वी और इंद्रेश के खिलाफ इस मामले से जुड़ा कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला.
क्लोजर रिपोर्ट दाखिल होने के बाद जयपुर की एनआईए अदालत अब 17 अप्रैल को अपना फैसला सुनाएगी.
इससे पहले अदालत ने 22 मार्च को बम ब्लास्ट केस में सजा का ऐलान किया था. केस में दोषी पाए गए देवेंद्र गुप्ता और भावेश पटेल को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, जबकि तीसरे दोषी सुनील जोशी की पहले ही मौत हो चुकी है.
कब हुआ था हमला ?
11 अक्टूबर 2007 की शाम रोजा इफ्तार के समय दरगाह परिसर में बम ब्लास्ट हुआ. इसमें 3 लोगों की मौत हो गई थी और 15 लोग घायल हो गए थे. धमाके के बाद पुलिस ने छानबीन की, तो एक जिंदा बम भी बरामद किया गया, जिसे बाद में निष्क्रिय किया गया.
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