केरल में निपाह वायरस के आतंक ने अबतक करीब 10 लोगों की जान ले ली है. लेकिन इन सबके बीच मरीजों की जान बचाते बचाते एक नर्स ने अपनी जान गवां दी. दरअसल, निपाह वायरस से जूझ रहे एक मरीज की तीमारदारी करते हुए नर्स लिनी भी इसकी चपेट में आ गईं. और उनकी मौत हो गई.
लिनी पुथुसेर्री केरल के पेराम्बूर में ईएमएस मेमोरियल कोऑपरेटिव अस्पताल में काम करती थीं. बताया जा रहा है कि पिछले हफ्ते कोझिकोड में निपाह वायरस से पीड़ित दो भाइयों को बचाने के चक्कर में लिनी खुद इस वायरस का शिकार हो गईं, जिससे रविवार को उसकी मौत हो गई. लेकिन मौत से पहले लिनी ने अपने पति को एक चिट्ठी लिखी. जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.
लिनी की आखिरी चिट्ठी
लिनी ने मौत से पहले अपने पति को चिट्ठी में लिखा,
साजीशेट्टा शायद अब मैं नहीं बचूंगी. मुझे नहीं लगता कि मै तुम्हें देख पाऊंगी. मैं माफी चाहती हूं. बच्चों का ख्याल रखना. कुंजू (बेटे का प्यार से बुलाया जाने वाला नाम) को अपने साथ बहरीन लेते जाना. मेरे पिता की तरह उसे यहां अकेला मत छोड़ना. ढेर सारा प्यार...लिनी की चिट्ठी का हिस्सा
मौत से पहले भी लोगों की फिक्र
लिनी अपनी मौत से पहले तक लोगों की जिंदगी के बारे में सोचती रही. इसलिए उसने मौत के वक्त भी अपने बच्चों और परिवार को खुद से दूर रखा ताकि वह वे भी इस जानलेवा वायरस के संपर्क में न आ जाएं. यहां तक लिनी के परिवार ने शव को घर लाने के बजाय स्वास्थ्य विभाग को विद्युत श्मशान से ही दाह संस्कार करने को कहा था.
न्यूज18 से बात करते हुए लिनी के पति साजीशेट्टा ने बताया कि वो बहरीन में अकाउंटेंट हैं. और जैसे ही उन्हें लिनी की तबियत के बारे में पता चला वो भारत आ गए. लेकिन तब तक लिनी दुनिया को अलविदा कर चुकी थी.
अस्पताल में नर्सों की कमी होने की वजह से वो 16 मई को अस्पताल चली गई थी. मैंने उससे कहा था कि वो अस्पताल न जाए, लेकिन उसने मेरी बात नहीं सुनी. शायद उसे पता था कि उसका आखिरी वक्त नजदीक आ गया है. लिनी और मेरे दो बेटे हैं. अब पता नहीं मैं उनका कैसे ख्याल रखूंगा.साजीशेट्टा, लिनी के पति
क्या है निपाह वायरस?
डब्लूएचओ के मुताबिक, निपाह वायरस चमगादड़ों में होता है और वो फलों में ये वायरस फैलाते हैं. जिसे खाकर इंसानों और जानवरों में ये वायरस फैलता है. फिलहाल केरल स्वास्थ्य विभाग ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है.
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