ब्रिटेन की एक कोर्ट ने शुक्रवार को पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी की दूसरी जमानत याचिका को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि इस बात के पर्याप्त प्रमाण हैं कि भगोड़ा हीरा कारोबारी सरेंडर नहीं करेगा.
इससे पहले नीरव मोदी (48) दूसरी बार जमानत की याचिका लेकर वेस्टमिंस्टर की मजिस्ट्रेट कोर्ट के सामने पेश हुआ. नीरव मोदी ने अदालत में पहली बार पेशी की तरह इस बार भी सफेद कमीज पहनी हुई थी.
पंजाब नेशनल बैंक के 13,500 करोड़ रुपये के कर्ज की धोखाधड़ी के मामले में आरोपी नीरव मोदी को पिछले सप्ताह लंदन में गिरफ्तार किया गया था.
ये खबर इंग्लिश में यहां पढ़ें- Nirav Modi Arrested in London, To Be Produced in Court: ED
बचाव और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने क्या कहा?
बचाव और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद मुख्य मजिस्ट्रेट एम्मा अर्बथनॉट ने कहा कि नीरव मोदी द्वारा वानूआतू की नागरिकता हासिल करने का प्रयास यह दर्शाता है कि वह महत्वपूर्ण समय के दौरान भारत से दूर जाना चाहता है.
कोर्ट ने कहा, ‘‘इस बात के पर्याप्त प्रमाण हैं कि वह सरेंडर नहीं करेगा.’’ कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 26 अप्रैल तय की है.’’
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अभियोजन पक्ष ने कोर्ट के सामने क्या दलील दी?
इससे पहले भारतीय प्राधिकरण की ओर से दलील पेश करते हुए क्राउन प्रोसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने कहा कि नीरव मोदी को जमानत नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि उसके भागने की आशंकाएं हैं. यहां तक कि उसने अपने धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों के गवाहों को जान से मारने की भी धमकी दी है.
सीपीएस बैरिस्टर टोबी कैडमैन ने जज से कहा, इस बात की काफी संभावना है कि पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का प्रमुख अभियुक्त भाग सकता है और सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है. नीरव मोदी घोटाले से जुड़ी राशि एक से दो अरब डॉलर है.
नीरव मोदी के सबूतों से छेड़छाड़ का उदाहरण देते हुए सीपीएस बैरिस्टर ने बताया कि एक गवाह आशीष लाड को उसने फोन पर जान से मारने की धमकी दी और झूठी गवाही देने पर 20 लाख रुपये देने की पेशकश की.
कोर्ट में वकील ने कहा- नीरव ने गवाह को जान से मारने की धमकी दी थी
कोर्ट में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील टोबी कैडमैन ने कहा, नीरव ने एक गवाह को फोन करके जान से मारने की धमकी दी.
'नीरव मोदी भारतीय जांच एजेंसियों के साथ सहयोग नहीं कर रहा है'
भारतीय अधिकारियों की ओर से पैरवी करने वाले टोबी कैडमैन ने लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट से कहा है, ‘नीरव मोदी भारतीय जांच एजेंसियों के साथ सहयोग नहीं कर रहा है. वह देश छोड़कर भाग सकता है. ऐसे में संभव है कि वह गवाहों को प्रभावित करे और सबूतों को नष्ट कर दे.’