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नीरव मोदी की नई चाल के सामने जांच एजेंसियां फेल, CBI भी हैरान

कितना शातिर निकला डायमंड कारोबारी

Published
भारत
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नीरव मोदी की चतुराई की स्पीड जांच एजेंसियां नहीं पकड़ पा रही हैं. दरअसल, नीरव एजेंसियों से आगे की तीन चालें चल रहा है. पासपोर्ट रद्द होने के बावजूद नीरव मोदी विदेश यात्राएं किए जा रहा है. रद्द पासपोर्ट पर यूरोप घूमकर उसने सीबीआई को शर्मिंदा कर दिया है, जिसकी वजह से सीबीआई ने इंटरपोल के सभी 190 देशों को नीरव मोदी को रोकने के बारे में चिट्ठी लिख डाली है.

पंजाब नेशनल बैंक में 20 हजार करोड़ रुपए के घोटाले के आरोपी नीरव मोदी के पास 6 पासपोर्ट हैं, जिनमें कम से कम तीन भारतीय हैं. एक पासपोर्ट भारत ने रद्द किया, तो उसने दूसरे भारतीय पासपोर्ट से विदेश यात्राएं कर डालीं. अब दूसरा भी रद्द किया गया है.

इसी मामले से जुड़ी सनसनीखेज बात सामने आई है कि घोटाले की जांच करने वाले सीबीआई ज्वाइंट डायरेक्टर राजीव सिंह का ऑफिशियल ई-मेल अकाउंट हैक हो गया है.

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मतलब नीरव मोदी जांच एजेंसियों के हाथ लग पाएगा या नहीं?

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नीरव कभी लंदन में, कभी ब्रुसेल्स में

डायमंड कारोबारी कितना चालू है, जांच एजेंसियां अभी तक ये गहराई नहीं नाप पाई हैं. पासपोर्ट रद्द है, पर विदेश घूमना और कारोबार जारी है. भारतीय पासपोर्ट के अलावा मोरक्को, सिंगापुर और बेल्‍ज‍ियम के पासपोर्ट भी रखे हुए है.

अब जरा फ्लैश बैक में चलिए और फरवरी में पीएनबी घोटाला सामने आने के बाद ही हेडलाइंस याद कीजिए

नीरव मोदी शिकंजे में, नीरव मोदी की मुश्किल बढ़ी, सरकार ने संपत्ति जब्त की. विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट रद्द किया..

लग रहा है न कि हेडलाइंस ने जैसे ठग लिया. इन हेडलाइंस के झांसे में आने वाले वालों के लिए ब्रेकिंग न्यूज यही है. नीरव मोदी विदेशों में घूम-घूमकर गुलछर्रे उड़ा रहा है. उस पर इस जांच का कोई असर नहीं हो रहा है.

नीरव मोदी पकड़ में आएगा या नहीं? इसका सीधा जवाब है, अभी तो उसकी करतूतों के नए-नए किस्से ही खुल रहे हैं, पता नहीं वो और क्या-क्या खेल खेलने की तैयारी किए बैठा है.

नटवरलाल से ज्यादा शातिर

सीबीआई, ईडी और पंजाब नेशनल बैंक में बड़े ही काबिल और चालाक अफसर बैठे हों, पर नीरव का दिमाग उनसे ज्यादा तेज चल रहा है. वो हमेशा ढाई चालें ज्यादा तेज चल रहा है.

सरकारी एजेंसियों को कैसे घुमा रहा है नीरव जरा देखिए

  • पंजाब नेशनल बैंक को 13 हजार के घोटाले का पता फरवरी में चला, पर वो जनवरी में ही देश से रफूचक्कर हो चुका था
  • विदेश मंत्रालय ने 24 फरवरी को नीरव मोदी का पासपोर्ट रद्द किया, पर इंटरपोल को इसके बारे में बताया गया 11 जून को. सीबीआई वाले कहते हैं कि इंटरपोल को तभी बताया जा सकता है, जब मामले की चार्जशीट दायर हो गई हो.
  • मतलब नीरव मोदी को मालूम था कि जब तक चार्जशीट दायर नहीं होगी, तब तक उसके खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस जारी नहीं होगा
  • सीबीआई ने अब इंटरपोल के सभी 190 देशों को चिट्ठी लिखी है. साथ ही इसके अलावा अमेरिका, फ्रांस, सिंगापुर, ब्रुसेल्स, यूएई और ब्रिटेन की आपत्तियों के जवाब दिए हैं.
  • नीरव के एक वीजा एक पासपोर्ट में तो 40 महीने का यूके का वीजा लगा हुआ है

सीबीआई से ज्यादा तेज

  • सीबीआई ने 11 जून को रेड कॉर्नर नोटिस के लिए इंटरपोल को लिखा और नीरव मोदी 12 जून को भारतीय पासपोर्ट पर लंदन से ब्रुसेल्स यूरो ट्रेन में सफर किया
  • पासपोर्ट में बनवाने में नीरव मोदी ने बड़ी चालाकी की है. पहले रद्द पासपोर्ट में उसका पूरा नाम लिखा है, जबकि दूसरे में सिर्फ नीरव नाम लिखा है.
  • विदेश मंत्रालय ने अब उसका दूसरा भारतीय पासपोर्ट भी रद्द कर दिया है. अनुमान है कि उसके पास और भारतीय पासपोर्ट हो सकते हैं.
  • नीरव मोदी ब्रिटेन का पासपोर्ट या लंबी अवधि का वीजा हासिल करने के जुगाड़ में है, ताकि प्रत्यर्पण का टंटा ही खत्म हो जाए. ठीक वैसे ही जैसा विजय माल्या और ललित मोदी को मिला है.

सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर का ईमेल हैक

नीरव मोदी का सिरदर्द बढ़ने के बजाए जांच एजेंसियों का ही सिरदर्द बढ़ रहा है. न्यूज 18 के मुताबिक, सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर राजीव सिंह का ईमेल हैक होने की खबर सामने आई है, जिसे अब ब्लॉक कर दिया गया है.

राजीव सिंह के अकाउंट से बल्क ईमेल भेजे गए और शिमला से हैकिंक हुई. जांच एजेंसियां खंगालने में लगीं कि कहीं नीरव मोदी से जुड़ी जानकारी तो लीक नहीं हुई.

सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर और बैंकिंग से जुड़े मामलों की जांच डिवीजन के हेड राजीव सिंह को पिछले महीने त्रिपुरा कैडर में वापस भेजा गया है. हालांकि सीबीआई सूत्रों के मुताबिक राजीव सिंह को भेजे जाने का ईमेल लीक से संबंध नहीं है.

नीरव मोदी मामले में इतने सारे तार उलझे हैं कि उनका सिरा ही पकड़ में नहीं आ रहा है. विदेश भाग जाने वाले विजय माल्या और ललित मोदी का अनुभव तो यही कहता है कि जांच एजेंसियां भारत में केस चलाती रहेंगी पर भगोड़ों को लाना बहुत मुश्किल होगा. ऐसे में नीरव मोदी को भारत जल्द लाने के आसार कम दिख रहे हैं.

अब इस सबका मतलब ये भी है कि जांच एजेसियों ने शोर तो बहुत किया, पर हाथ कुछ खास लगा नहीं. पासपोर्ट रद्द करने का ऐलान विदेशों तक पहुंचाया नहीं गया. घरेलू एयरपोर्ट में ही अलर्ट रहा, जिसका मतलब ही नहीं था, क्योंकि वो फरार हो चुका है.

इन सबके बावजूद ये पहेली भी कम हैरान करने वाली नहीं है कि अचानक इस मौके पर नीरव मोदी दोबारा खबरों में क्यों छा गया है,

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