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निर्भया केस के चारों दोषियों को तिहाड़ जेल में दी गई फांसी 

निर्भया मामले में चारों दोषियों और एक नाबालिग सहित छह व्यक्ति आरोपी के तौर पर नामजद थे

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निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के चारों दोषियों को 20 मार्च को सुबह 5:30 बजे फांसी दे दी गई. दिल्ली की तिहाड़ जेल में मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को फांसी दी गई है.

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23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा (निर्भया) से 16 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली में एक चलती बस में गैंगरेप किया गया था और उस पर बर्बरता से हमला किया गया था. निर्भया की बाद में सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में मौत हो गई थी, जहां उसे बेहतर चिकित्सा के लिए ले जाया गया था.

निर्भया मामले में चारों दोषियों और एक नाबालिग सहित छह व्यक्ति आरोपी के तौर पर नामजद थे. छठे आरोपी राम सिंह ने मामले की सुनवाई शुरू होने के कुछ दिनों बाद तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. एक सुधार गृह में तीन साल गुजारने के बाद 2015 में नाबालिग को रिहा कर दिया गया था.

तिहाड़ में इससे पहले नौ फरवरी 2013 को उत्तर कश्मीर के सोपोर के निवासी अफजल गुरु को फांसी दी गई थी. संसद पर हमले के दोषी को सुबह आठ बजे फांसी दी गई थी और उसे जेल परिसर में ही दफना दिया गया था.

अफजल गुरु को फांसी देने के सात साल बाद तिहाड़ जेल ने निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के चारों दोषियों को फांसी देने की 19 मार्च को तैयारी की. इस दौरान जेल नियमावली के तहत कई पुतलों को लटका कर देखा गया.

जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मेरठ से जल्लाद पवन मंगलवार शाम तिहाड़ जिला प्रशासन के पास पहुंच गया था ताकि फांसी की तैयारी की जा सके.

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