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जस्टिस कुरियन ने उठाया निर्भया के दोषियों को फांसी देने पर सवाल

जस्टिस कुरियन ने उम्रकैद की सजा की वकालत की 

Published
भारत
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2012 निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस के दोषियों की फांसी पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज, जस्टिस कुरियन जोसेफ ने पूछा है कि क्या इससे ऐसे अपराध रुक जाएंगे? उन्होंने कहा कि बच्चन सिंह के केस में सुप्रीम कोर्ट ने जघन्य अपराधों में फांसी की सजा देने को कहा था. जस्टिस कुरियन ने कहा कि अगर ऐसे अपराध करने वालों को हमेशा के लिए जेल भेज दिया जाएगा, तो इससे समाज में मैसेज जाएगा.

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‘इन्हें फांसी पर लटका कर क्या ऐसे अपराध रुक जाएंगे? बच्चन सिंह के केस में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जघन्य मामले में ही फांसी की सजा दी जा सकती है और केवल तभी जब दूसरे सभी विकल्प बंद हो गए हों. अगर ऐसे अपराध को अंजाम देने वालों को हमेशा के लिए जेल में डाल दिया जाएगा, तो तो समाज को बताया जा सकता है कि अगर कोई भी इस तरह के अपराधों में लिप्त होता है, तो वो हमेशा के लिए सलाखों के पीछे होंगे, जबकि लोग फांसी के बाद (अपराध के बारे में) भूल जाते हैं.’
कुरियन जोसेफ, पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज

निर्भया के चारों दोषियों को 20 मार्च की सुबह 5:30 बजे फांसी दी जाएगी. दोषियों की सभी अपील खत्म होने के बाद दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने नया डेथ वॉरंट जारी किया था. ये चौथा डेथ वारंट है.

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इंदिरा जयसिंह ने भी कही थी ऐसी ही बात

इससे पहले, सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने भी कुछ इसी तरह का बयान दिया था. उन्होंने निर्भया की मां आशा देवी से अपील की थी कि उन्होंने राजीव गांधी हत्या मामले में सोनिया गांधी का उदाहरण लेते हुए दोषियों को माफ करना चाहिए.

इंदिरा जयसिंह ने कहा था, ‘’मैं आशा देवी का दर्द पूरी तरह से समझती हूं. फिर भी मैं उनसे अपील करती हूं कि वह सोनिया गांधी के उदाहरण का अनुसरण करें, जिन्‍होंने नलिनी को माफ कर दिया और कहा कि वह उनके लिए मृत्युदंड नहीं चाहतीं. हम आपके साथ हैं, पर मौत की सजा के खिलाफ हैं.

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फांसी से पहले दोषियों का नया पैंतरा

फांसी से महज दो दिन पहले अब दोषियों ने कई कानूनी आवेदनों, अपीलों और दूसरी दया याचिका के लंबित होने के आधार पर दिल्ली कोर्ट का रुख किया है. कोर्ट ने दोषियों की याचिका पर तिहाड़ जेल को नोटिस जारी किया है. कोर्ट 19 मार्च को मामले पर सुनवाई करेगी.

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