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सब रास्ते बंद होने पर अब निर्भया के दोषियों ने ICJ में की अपील

निर्भया के चारों दोषियों को 20 मार्च को होगी फांसी

Published
भारत
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सभी रास्ते बंद होने के बाद 2012 निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस के तीन दोषियों ने अपनी मौत पर रोक लगाने के लिए इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में अपील की है. अक्षय, पवन और विनय ने ICJ में अपनी मौत की सजा पर रोक लगाने की मांग की है. बता दें कि गैंगरेप-मर्डर केस के चारों दोषियों को 20 मार्च की सुबह 5:30 बजे फांसी दी जाएगी.

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दोषियों की सभी अपील खत्म होने के बाद दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने नया डेथ वॉरंट जारी किया था. ये चौथा डेथ वॉरंट है.

इन चारों दोषियों की पहली फांसी की तारीख 22 जनवरी तय की गई थी, जिसे दोषियों की याचिका के चलते टाल दिया गया. इसके बाद, कोर्ट फांसी की कई तारीखें जारी कर चुका है, लेकिन दोषियों की क्यूरेटिव और मर्सी पिटीशन के कारण इसे कई बार टाला गया.

मुकेश की याचिका फिर खारिज

निर्भया केस के दोषी मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में दोबारा क्यूरेटिव और मर्सी पिटीशन दाखिल करने की मांग को लेकर याचिका डाली थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने मुकेश की उस याचिका को भी खारिज कर दिया, जिसमें उसने अपनी पूर्व वकील वृंदा ग्रोवर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.

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दोषियों के परिवार ने राष्ट्रपति से मांगी इच्छामृत्यु

चारों दोषियों के परिवार ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर इच्छामृत्यु मांगी है. 15 मार्च को राष्ट्रपति और निर्भया के माता-पिता को लिखी चिट्ठी में परिवार ने लिखा कि उन्हें इच्छामृत्यु की इजाजत दी जाए और भविष्य में ऐसे अपराधों को रोका जाए, ताकि निर्भया जैसी कोई घटना दोबारा न हो. परिवार की इस चिट्ठी पर निर्भया की मां, आशा देवी ने न्याय की अपील करते हुए कहा कि वो पिछले सात सालों से ये पीड़ा सह रही हैं.

“मैं भी राष्ट्रपति से अपील करना चाहूंगी कि वो मेरी बेटी को भी न्याय दिलाएं. लोग मुझे और मेरे बच्चों को निर्भया के नाम से जानते हैं. मैं भी पिछवले सात सालों से मर रही हूं.”
आशा देवी, निर्भया की मां

इंसाफ की उम्मीद

आशा देवी को उम्मीद है कि दोषियों को 20 मार्च को सजा होगी. उन्होंने कहा, "अब कोई डर नहीं है क्योंकि सभी कोर्ट को मालूम है कि कैसे इन तारीखों को टाला गया. फांसी की तारीख इसलिएं टलीं क्योंकि उनके पास ऑप्शन उपलब्ध थे, लेकिन अब, किसी भी दोषी के पास दया याचिका नहीं बची है."

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