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निर्भया के दोषियों की फांसी पर फिर लगेगी रोक? कल होगी सुनवाई

अक्षय की पत्नी की अर्जी पर भी 19 को सुनवाई

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निर्भया गैंगरेप के दोषी फांसी से बचने के लिए नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं. फांसी से महज दो दिन पहले अब दोषियों ने कई कानूनी आवेदनों, अपीलों और दूसरी दया याचिका के लंबित होने के आधार पर दिल्ली कोर्ट का रुख किया है. कोर्ट ने दोषियों की याचिका पर तिहाड़ जेल को नोटिस जारी किया है. कोर्ट गुरुवार को मामले पर सुनवाई करेगी.

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वहीं चार दोषियों में से एक मुकेश सिंह ने बुधवार को निचली अदालत के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दे दी. निचली अदालत ने मुकेश की फांसी पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. मुकेश ने अपनी याचिका में दावा किया है कि वह 16 दिसंबर, 2012 को अपराध होने के दौरान दिल्ली में नहीं था. मुकेश ने दावा किया है कि उसे राजस्थान से गिरफ्तार किया गया और उसे घटना के एक दिन बाद 17 दिसंबर, 2012 को दिल्ली लाया गया.

मुकेश के साथ अन्य तीन दोषियों-अक्षय, पवन और विनय को 20 मार्च सुबह 5.30 बजे फांसी दी जानी है.

अक्षय की पत्नी की अर्जी पर भी 19 को सुनवाई

चार दोषियों में से एक अक्षय कुमार सिंह की पत्नी पुनीता ने कोर्ट में अर्जी देकर पति से तुरंत तलाक दिलाने की मांग की है, क्योंकि वह विधवा के तौर पर अपनी जिंदगी नहीं गुजार सकती.

बिहार के औरंगाबाद में टंडवा थाना क्षेत्र के लहंगकरमा गांव की रहने वाले अक्षय की पत्नी पुनीता ने औरंगाबाद परिवार न्यायालय के न्यायाधीश रामलाल शर्मा की अदालत में तलाक की अर्जी दी है. इस अर्जी पर अगली सुनवाई 19 मार्च को होनी है. जबकि दिल्ली के तिहाड़ जेल में आरोपी अक्षय को फांसी पर लटकाने की तारीख 20 मार्च, 2020 मुकर्रर की जा चुकी है.

अक्षय की पत्नी पुनीता ने अदालत में दाखिल अर्जी में लिखा है, "मेरे पति को सजा-ए-मौत दी जानी है. जबकि मेरे पति निर्दोष हैं. ऐसे में मैं अपनी जिंदगी एक दुष्कर्मी पति की विधवा बनकर नहीं गुजार सकती, लिहाजा मुझे कानूनी तौर पर पति की मौत से पहले ही तलाक दिलवाया जाए."

फांसी की तैयारियां पूरी

तिहाड़ जेल में 20 मार्च को निर्भया के हत्यारों को लटकाए जाने की तैयारियां चौथी बार फिर जोर-शोर से शुरू हो गयी हैं. इसी के चलते मंगलवार को यूपी के मेरठ से जल्लाद पवन को भी तिहाड़ अधिकारी सुरक्षित ले आए.

निर्भया के दोषी मुकेश, अक्षय, पवन गुप्ता और विनय लंबे समय से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं. चारों मौत की सजा के खिलाफ नई-नई तरकीबें अपना रहे हैं. हाल ही में निर्भया के दोषी फांसी के फंदे से बचने के लिए अंतर्राष्ट्रीय अदालत भी जा पहुंचे हैं.

साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का भी दरवाजा खटखटाया है. कानून के जानकार बताते हैं कि ये सब दोषियों के वकीलों द्वारा महज वक्त जाया करने के तौर-तरीके हैं. मामला जहां तक पहुंच चुका है, उसके बाद अब सजा कम होने की गुंजाइश न के बराबर है.

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