निर्भया के दोषियों को फांसी में होने वाली देरी से निर्भया की मां आशा देवी निराश हो गई हैं, उन्होंने पीएम मोदी से अपील करते हुए कहा है कि मैं मोदी जी से हाथ जोड़कर कहना चाहती हूं कि 2014 में आपने कहा था ‘बहुत हुआ नारी पर वार’ अबकी बार मोदी सरकार, प्रधानमंत्री जी एक बच्ची की मौत के साथ मजाक न होने दें. चारों दोषियों को 22 तारीख को फांसी पर लटकाएं और दिखाएं की हम नारी पर अत्याचार नहीं होने देंगे.
आशा देवी ने रोते हुए कहा -
मैं कभी राजनीति की बात नहीं करती थी. मैं हाथ जोड़कर सबसे इंसाफ मांगा, लेकिन आज मैं जरूर कहूंगीं कि जब 2012 में वो घटना हुई थी इन्हीं लोगों ने काली पट्टी बांधकर हाथ में तिरंगा कर महिलाओं की सुरक्षा के लिए खूब नारे लगाए. आज यही लोग उस बच्ची की मौत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. कोई कह रहा है आप ने रोक दिया कोई कह रहा है मुझे पुलिस दे दीजिए मैं दो दिन में फांसी दिलाऊंगां. मैं ये कहूंगीं कि दो लोगों के बीच मैं पीस रही हैं.
निर्भया गैंगरप और मर्डर केस के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी की सजा होने की उम्मीद बहुत कम है. चार दोषियों में से एक मुकेश ने दया याचिका दाखिल की है. दया याचिका खारिज होने के 14 दिन बाद ही दोषियों को फांसी की सजा हो सकती है.
इस बीच एक दोषी मुकेश की दया याचिका गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति भवन भेज दी है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि गुरुवार रात गृह मंत्रालय मे दोषी मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेज दी है.
बता दें कि फांसी से बचने की कोशिश में निर्भया के दोषी मुकेश ने दिल्ली सरकार के पास दया याचिका लगाई थी, लेकिन दिल्ली सरकार ने इसे खारिज करते हुए उप-राज्यपाल को भेज दिया था. जिसके बाद उपराज्यपाल कार्यालय से वह दया याचिका गृह मंत्रालय के पास भेज दी गई. अब गृह मंत्रालय ने इस याचिका को राष्ट्रपति भवन भेज दिया है.
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