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निर्भया की 8वीं बरसी पर मां बोलीं- “इंसाफ की लड़ाई लड़ती रहूंगी”

निर्भया गैंगरेप के चार दोषियों को 20 मार्च 2020 को फांसी की सजा हुई.

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निर्भया की 8वीं बरसी पर, मां आशा देवी ने सभी रेप सर्वाइवर्स को इंसाफ दिलाने का प्रण लिया है. आशा देवी की इंसाफ के लिए सात साल लंबी लड़ाई के बाद, निर्भया गैंगरेप के दोषियों को 20 मार्च 2020 को फांसी पर चढ़ा दिया गया. आशा देवी ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा कि वो रेप सर्वाइवर्स को इंसाफ दिलाने के लिए आगे भी काम करती रहेंगी.

आशा देवी ने कहा, “मेरी बेटी को इंसाफ मिल गया है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि मैं शांत बैठ जाउंगी. मैं सभी रेप सर्वाइवर्स को इंसाफ दिलाने की लड़ाई लड़ती रहूंगी. इस तरह मैं अपनी बेटी को श्रद्धांजलि दूंगी.”

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उन्होंने सभी लोगों से इस जघन्य अपराध के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की. उन्होंने सरकार से कानून में बदलाव करने के लिए भी कहा.

“मेरी बेटी के साथ हुए उस अपराध को 8 साल हो गए हैं. हमारा केस साफ था और फिर भी इंसाफ के लिए 8 साल लगे. सरकार और कोर्ट को ये सोचने की जरूरत है कि इतना लंबा समय क्यों लग रहा है, और कानून में बदलाव करने की जरूरत है.”
आशा देवी, निर्भया की मां

आशा देवी ने कहा कि चारों आरोपियों को फांसी की सजा से समाज में संदेश गया कि ऐसे अपराध करने वाले लोगों पर कोई दया नहीं दिखाई जाएगी.

16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल स्टूडेंट के गैंगरेप ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. रेप के आरोप में पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया था, जिसमें एक नाबालिग भी शामिल था. निर्भया के 6 दोषियों में से नाबालिग को सुधार गृह भेज दिया गया था, वहीं एक की जेल में खुदकुशी से मौत हो गई थी. 4 दोषियों- मुकेश सिंह, अक्षय सिंह ठाकुर, विनय वर्मा और पवन गुप्ता को 20 मार्च 2020 को फांसी पर चढ़ाया गया.

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