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मेरे साथ नाइंसाफी,दोषियों के साथ ‘इंसाफ’ हो रहा है: निर्भया की मां

दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने नई तारीख की मांग करने वाली तिहाड़ जेल अधिकारियों की याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी

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निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस के चारों दोषियों को फांसी कब होगी यह अभी तक साफ नहीं हुआ है. दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने नई तारीख की मांग करने वाली तिहाड़ जेल अधिकारियों की याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी. आशा देवी ने कहा, 'कहीं न कहीं हमारे साथ नाइंसाफी हो रही है और इंसाफ उनके (दोषियों) साथ हो रहा है.'

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निर्भया की मां आशा देवी ने कहा-

“आज कुछ भी पेंडिंग नहीं था फिर भी मौत की सजा नहीं सुनाई गई. उन्होंने फांसी की तारीख टालने के लिए याचिका डाली, फांसी टल गई. हमने अपने इंसाफ के लिए तारीख मांगी नहीं मिली. कहीं न कहीं हमारे साथ नाइंसाफी हो रही है और इंसाफ उनके साथ हो रहा है.”

वहीं निर्भया के पिता ने महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा, "अगर फैसला एक दिन भी हमारे पक्ष में हो जाए तो अपराधियों को फांसी हो जाए. सरकार जाने कि अब दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा कैसे होगी. निर्भया को देर सवेर न्याय जरूर मिलेगा. लेकिन दिल्ली की महिलाएं कैसे सुरक्षित होंगी अब हमें समझ नहीं आ रहा."

"मैं दोषियों के वकील की दलील से सहमत"

एडिशनल सेशन जज धमेंद्र राणा ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट के पांच फरवरी के उस आदेश पर गौर किया, जिसमें चारों दोषियों को एक हफ्ते में कानूनी विकल्पों का उपयोग करने की अनुमति दी गई थी.

कोर्ट ने कहा, “जब दोषियों को कानून जीवित रहने की इजाजत देता है, तब उन्हें फांसी पर चढ़ाना पाप है. हाईकोर्ट ने पांच फरवरी को न्याय के हित में दोषियों को इस आदेश के एक हफ्ते के अंदर अपने कानूनी विकल्पों का उपयोग करने की इजाजत दी थी.”

जज ने कहा, "मैं दोषियों के वकील की इस दलील से सहमत हूं कि महज संदेह और अटकलबाजी के आधार पर मौत के वांरट को तामील नहीं किया जा सकता है. इस तरह, यह याचिका खारिज की जाती है. जब भी जरूरी हो तो सरकार उपयुक्त अर्जी देने के लिए स्वतंत्र है."

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