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‘सभी बैंकों का निजीकरण नहीं, कर्मचारियों के हितों की रक्षा होगी’

जिन बैंकों के निजीकरण का अनुमान है, उनके कर्मचारियों के हितों की रक्षा होगी- निर्मला सीतारमण

Published
भारत
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पब्लिक सेक्टर बैंक के प्राइवेटजाइजेशन को लेकर विपक्ष के लगातार हमले और संगठनों की हड़ताल के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि कर्मचारियों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा.

जिन बैंकों के निजीकरण का अनुमान है, उनके निजीकरण होने के बाद भी कामकाज जारी रहेगा और कर्मचारियों के हितों की रक्षा होगी.
निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री 
जिन बैंकों के निजीकरण का अनुमान है, उनके कर्मचारियों के हितों की रक्षा होगी- निर्मला सीतारमण
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बैंकों की हड़ताल के बीच आया है ये बयान

इसी के साथ वित्त मंत्री ने ये भी कहा कि सभी बैंकों का प्राइवेटाइजेशन नहीं होने जा रहा है. बता दें कि केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण का फैसला किया है और यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने विरोध में हड़ताल किया. सोमवार और मंगलवार को हुई इस हड़ताल का नेतृत्व बैंकिंग सेक्टर में नौ यूनियनों की संस्था UFBU ने किया है.

पब्लिक सेक्टर बैंकों के निजीकरण और बैंकिंग सुधारों के खिलाफ हुई इस हड़ताल को कांग्रेस ने समर्थन दिया है. साथ ही राहुल गांधी ने एक बार फिर बैंकों के निजीकरण को लेकर केंद्र सरकार पर फिर हमला बोला. राहुल गांधी ने कहा कि ‘केंद्र सरकार प्रॉफिट का प्राइवेटाइजेशन कर रही है और लॉस का नेशनलाइजेशन कर रही है.’

सरकारी बैंक मोदी मित्रों को बेचना भारत की वित्तीय सुरक्षा से खिलवाड़ है. मैं हड़ताल कर रहे बैंक कर्मचारियों के साथ हूं.
राहुल गांधी

राहुल गांधी के इस ट्वीट पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि उन्हें (राहुल गांधी) इस तरह के टू लाइनर्स जबतक लिखने से बेहतर गंभीर चर्चाओं से जुड़ना चाहिए. वित्त मंत्री ने नसीहत दिया कि राहुल गांधी को बोलने से पहले 'होमवर्क' करना चाहिए. कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि UPA सरकार में भ्रष्ट्राचार का राष्ट्रीयकरण किया गया था.

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