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किसान नेताओं ने कहा-‘PM किसान योजना से लेकर मनरेगा में हुई कटौती’

‘वित्त मंत्री के स्पीच पर नहीं आंकड़ों पर गौर करें’

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तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज देश का बजट पेश किया. वित्त मंत्री ने बजट में कृषि सेक्टर के लिए कुछ बड़े ऐलान किए हैं. निर्मला सीतारमण ने कृषि सेक्टर के लिए एग्रीकल्चरल क्रेडिट टारगेट (कृषि ऋण लक्ष्य) और ज्यादा बढ़ाए जाने की बात कही. लेकिन कई किसान नेता इस बजट से खुश नहीं दिख रहे हैं.

स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि देश के किसानों को उम्मीद थी कि जब वित्त मंत्री बजट पेश करेंगी तो किसानों का खास ध्यान रखेंगी लेकिन अफसोस ऐसा नहीं हुआ. सरकारी बजट का कुल 5.1 फीसदी से घटाकर 4.3 फीसदी कर दिया गया है.

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योगेंद्र यादव ने कहा कि पीएम किसान निधि सम्मान योजना, जोकि सबसे बड़ी योजना थी उसे भी 75 हजार करोड़ से घटाकर 65 हजार करोड़ कर दिया गया है.

बता दें कि किसान आंदोलन को देखते हुए ऐसी उम्मीद थी कि इस बजट में पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम में मिलने वाले पैसे को बढ़ाया जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. फिलहाल पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत हर साल 11 करोड़ 52 लाख किसानों को 6,000 रुपए मिलते हैं.

योगेंद्र यादव ने कहा,

“PM KISAN बजट 2020-21 में 75 हजार से घटकर 2021-22 में 65 हजार हो गया. मार्केट इंटरवेंशन स्कीम और प्राइस सपोर्ट स्कीम (MIS-PSS) बजट 2000 करोड़ से घटकर 1501 करोड़ रह गया. ये है बजट भाषण से परे असल बजट की खबर!”

बता दें कि दिल्ली की अलग-अलग सरहदों पर हजारों किसान 26 नवंबर 2020 से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

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‘वित्त मंत्री के स्पीच पर नहीं आंकड़ों पर गौर करें’

जय किसान आंदोलन से जुड़े अविक शाह का कहना है कि वित्त मंत्री के स्पीच पर नहीं आंकड़ों पर गौर करना होगा. उन्होंने कहा,

ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए MGNREGS जीवन रेखा साबित हुई थी वो भी खासकर कोविड के दौरान, सरकार ने उसमें भी कटौती कर दी है. साल 2020-21 में सरकार के 115000 करोड़ रुपए खर्च हुए थे, अब इसे घटाकर 73000 करोड़ कर दिया गया है. 

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