वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट-2021 पेश कर दिया है. Budget 2021 में वित्तीय घाटे का लक्ष्य अनुमान से काफी ज्यादा रखा गया है. अनुमान था कि घाटा करीब 5.5-6% रहेगा लेकिन FY 22 के लिए टारगेट 6.8% रखा गया है. FY21 में फिस्कल डेफिसिट 9.5% है. वहीं FY 22 में विनिवेश का लक्ष्य 1.75 लाख करोड़ रखा गया है,
अब एक-एक कर इन ऐलानों को समझते हैं-
FY 22 में फिस्कल डेफिसिट 9.5%
फिस्कल डेफिसिट या वित्तीय घाटा आखिर होता क्या है? दरअसल, केंद्र सरकार अपने वित्तीय घाटे को काबू में रखने की कोशिश करेगी, वित्तीय घाटे का लक्ष्य हासिल करने की कोशिश करेगी और हर बजट में बार-बार ये वित्तीय घाटा नई चुनौती लेकर आता रहता है. सरकार के कुल राजस्व और कुल खर्च का अंतर ही वित्तीय घाटा कहलाता है. स्वाभाविक तौर पर अगर सरकार का खर्च उसके राजस्व की वसूली से ज्यादा है तो सरकार को इसकी भरपाई के लिए कर्ज लेना होगा. इसलिए सरकार की कोशिश होती है कि वो वित्तीय घाटे को कम से कम रखे, ताकि उसे कम से कम कर्ज लेने की जरूरत पड़े. सरकार वित्तीय घाटे की भरपाई के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से कर्ज लेती है या फिर ट्रेजरी
विनिवेश को लेकर सरकार फैसला
भारत के विनिवेश से 2021-22 में 1,75,000 करोड़ रूपये की प्राप्तियों का अनुमान है और वर्ष 2021-22 से ट्रेजरी सिंगल एकांउट को सर्वसुलभ रूप से लागू किया जाए.वित्त मंत्री
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि कोरोना वायरस के दौर में भी सरकार ने विनिवेश में अपने कदमों को पीछे नहीं खींचा है, सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं. सरकार की बड़े पोर्ट्स के निजीकरण की योजना है. साथ ही BPCL में अगले साल विनिवेश होगा. दो और सरकारी बैंक बेचे जाएंगे. सरकारी बैंकों को 22 हजार करोड़ की मदद की भी योजना है. LIC का IPO आएगा. एयर इंडिया को बेने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.
वर्ष 2021-22 में ही #LIC का #IPO भी लाएंगे जिसके लिए इसी सत्र में अपेक्षित संशोधन लाया जाएगा.वित्त मंत्री
उज्जवला मिशन में 1 करोड़ लोगों को और जोड़ा जाएगा. सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन में 100 और जिलो को जोड़ा जाएगा. जम्मू-कश्मीर को गैस पाइपलाइन से जोड़ा जाएगा
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