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भोपाल: इंजीनियरिंग छात्र निशांक राठौर की मौत कैसे हुई?फोन में मैसेज का राज क्या?

Nishank कॉलेज फीस के बहाने परिवार वालों से पैसा लेता था, लेकिन वह क्लास अटेंड नहीं कर रहा था.

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भारत
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बीती 24 जुलाई को मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) से लगभग 50 किलोमीटर दूर रायसेन जिले के बरखेड़ी क्षेत्र में रेलवे ट्रैक पर निशांक राठौर (Nishank Rathore) नामक युवा कथित तौर पर मृत पाया गया था, उसके दो हिस्से हो गये थे. 20 वर्षीय निशांक दो बहनों के बीच एकलौता भाई था.

प्रथम दृष्टया जहां पुलिस ने इस मामले को आत्महत्या से जोड़कर देखा, वहीं मौत वाले दिन निशांक के फोन से जो रहस्यमयी मैसेज मिले उसके आधार पर मृतक के पिता को इस बात का संदेह है कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या का मामला है.
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मौत वाले दिन (रविवार 24 जुलाई 2022 को) शाम 5 बजकर 44 मिनट पर निशांक के फोन से उसके पिता उमाशंकर राठौर को एक व्हाट्सएप मैसेज प्राप्त हुआ जिसमें लिखा था कि "राठौर साहब बहुत बहादुर था आपका बेटा! गुस्ताख-ए-नबी की इक सजा, सर तन से जुदा. सारे हिंदू कायरों को बता देना. नबी से गुस्ताखी नहीं." यही मैसेज उसकी मौत के कुछ मिनटों पहले उसकी इंस्टाग्राम स्टोरी में अपलोड हुआ था. इस वजह से संदेह और गहरा गया.

जब निशांक के पिता उमाशंकर को मैसेज मिला तब वे इस घटना से पूरी तरह से अनजान थे. मैसेज मिलने के बाद उन्होंने अपनी बेटियों को फोन किया, जिन्होंने तब तक इंस्टाग्राम स्टोरी देख ली थी और अपने भाई से संपर्क साधने की कोशिश कर रही थीं.

इन सबके बीच लगभग 4 घंटे के बाद स्थानीय पुलिस की ओर परिवार वालों को शव बरामद होने की जानकारी दी गई. तब परिजन मौके पर पहुंचे. निशांक नर्मदापुरम जिले के सिवनी-मालवा शहर का रहने वाला था, वह भोपाल के ओरिएंटल कॉलेज से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की पढ़ाई कर रहा था.

आइए जानते हैं हमें अब तक इस मामले में क्या कुछ पता लगा.

"किसी को पीछा करते हुए नहीं देखा गया"

इसी साल जुलाई में निशांक कॉलेज का हॉस्टल छोड़कर अपने दोस्त राज रघुवंशी के भोपाल स्थित फ्लैट में शिफ्ट हो गया था. निशांक ने अपने पिता से कहा था कि वह कुछ ही दिनों में अपने लिए किराए का कमरा खोज लेगा.

रायसेन के एसपी विकास कुमार शाहवाल ने क्विंट को बताया कि अब तक जो जांच हुई उससे यह पता चला कि रविवार के दिन दोपहर में निशांक अपने दोस्त राज के घर से यह कहकर बाहर निकला था कि वह अपनी टू-व्हीलर से अपनी बहन से मिलने जा रहा है.

"सीसीटीवी फुटेज के आधार पर किसी को भी निशांक का पीछा करते या ड्राइविंग करते हुए नहीं देखा गया है. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट से पता चला है कि उसकी मौत ट्रेन से कटने की वजह से हुई है. उसके ऊपरी शरीर में कोई निशान नहीं पाए गए थे."
विकास कुमार शाहवाल, एसपी, रायसेन

क्विंट से बात करते हुए निशांक के दोस्त राज ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि "निशांक ने मुझसे कहा था कि वह अपनी बहन से मिलने जा रहा है. हमारी पिछली बातचीत में भी उसने कहा था कि वह उससे मिलने जाएगा. वह दोपहर को घर से निकल गया था."

SP शाहवाल आगे बताते हैं कि भोपाल से निकलने के बाद निशांक ने जिस पेट्रोल पंप में ईंधन भरवाया था वह जगह से घटना स्थल (बरखेड़ी पास का वह क्षेत्र जहां उसका शव मिला था) की दूरी मुश्किल से 6 किलोमीटर थी.

मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी कहा कि पुलिस जांच में आत्महत्या का पहलू प्रमुखता से सामने आ रहा है. निशांक के पिता को भेजे गए व्हाट्सएप मैसेजों के स्क्रीनशॉट (जिसमें 'पैगंबर को नीचा दिखाने पर सजा' का उल्लेख किया गया था) के बाद गृहमंत्री मिश्रा ने मामले का संज्ञान लिया.

"प्रथम दृष्टया, निशांक की मौत आत्महत्या प्रतीत हो रही है. निशांक के ऊपर से ट्रेन गुजरने (रिंग कटिंग) की वजह से उसकी मौत हुई है. हालांकि रायसेन पुलिस के तहत इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है."
नरोत्तम मिश्रा
निशांक के पिता को जो रहस्यमयी मैसेज प्राप्त हुए थे उनकी जांच-पड़ताल की जा रही है. जिससे यह पता चला है कि उसे (निशांक को) पैसों संबंधित (वित्तीय लेनदेन) कुछ समस्या थी.

लेकिन परिवार की यह थ्योरी व्हाट्सएप मैसेज और इंस्टाग्राम पोस्ट पर फिट नहीं बैठती है.

बेटे को खो देने के बाद लगभग बेसुध हो चुके उमाशंकर राठौर ने कहा कि

"शाम को 5 बजकर 44 मिनट पर मुझे बेतुके मैसेज प्राप्त हुए. इसके बाद मैंने तुरंत बेटियों को कॉल किया और मैसेज के बारे में बताया. तब बेटियों ने बताया कि निशांक के सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्ट की गई एक तस्वीर में उन्होंने ऐसा ही मैसेज देखा है... वह (मेरा बेटा) आत्महत्या नहीं कर सकता है. वह इस तरह का लड़का नहीं था."
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पुलिस रहस्यमय व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम मैसेज की जांच कर रही है, उनका कहना है कि निशांक ने कभी भी धार्मिक रूप से विरोधी कुछ भी पोस्ट नहीं किया था.

पुलिस ने घटना स्थल से निशांक का मोबाइल बरामद किया था.

मृतक के दोस्त राज ने भी क्विंट को बताया कि निशांक ने कभी धर्म के बारे में चर्चा या बहस नहीं की थी.

राज ने आगे कहा कि "निशांक एक हंसमुख शख्स था, वह चुपचाप बिना किसी आहट के इस दुनिया से चला गया."

"घटना वाले दिन शाम को हमारे एक कॉमन फ्रेंड ने निशांक के इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट को देखा और उसे मैसेज किया. तब निशांक के अकाउंट से उसे रिप्लाई आया कि तुम्हारा दोस्त शहीद हो गया है. इसके बाद हमें उसकी मौत के बारे में पता चला."
राज रघुवंशी, मृतक का दोस्त

हालांकि राज ने इस बारे में भी बताया कि निशांक ने कुछ लोगों से उधार ले रखे थे और वह शेयर बाजार के लेनदेन में लिप्त था.

"शेयर बाजार में निशांक का इंट्रेस्ट था, उसने इसमें इंवेस्ट भी किया था. वह हमेशा से ट्रेडिंग में करियर बनाना चाहता था. उसने कुछ लोगों से उधार भी लिए थे, लेकिन पैसों को लेकर वह कभी तनाव में नहीं रहता था."
राज रघुवंशी, मृतक का दोस्त

अमृत ​​सिंह मीणा रायसेन के एसएसपी हैं और इस मामले की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी के इंचार्ज भी हैं. उन्होंने भी वित्तीय लेनदेन के मामले की पुष्टि करते हुए क्विंट को बताया कि "प्रथम दृष्टया इस बात के कोई सबूत नहीं मिले जिससे यह पता चल सके कि निशांक के मौत के दौरान वहां कोई मौजूद था. मृतक के पिता को भेजे गए मैसेज और उसके घर से प्राप्त किए गए लैपटॉप के साथ-साथ मोबाइल भी हम जांच-पड़ताल कर रहे हैं."

एसएसपी ने आगे यह भी बताया कि हमें जांच के दौरान पता चला है कि निशांक ने अपने पिता और बहनों से कॉलेज की फीस भरने के बहाने पैसे लिए थे लेकिन पिछले डेढ़ महीने से वह कॉलेज नहीं जा रहा था.

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