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नोबेल अवॉर्ड विनर और भारतीय मूल के मशहूर लेखक VS नायपॉल का निधन

नायपॉल को 1971 में बुकर प्राइज और साल 2001 में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था

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साहित्य का नोबल पुरस्कार जीतने वाले भारतीय मूल के मशहूर लेखक वीएस नायपॉल का रविवार सुबह निधन हो गया है. उन्होंने 85 साल की उम्र में लंदन स्थित अपने घर में आखिरी सांस ली. वीएस नायपॉल यानी विद्याधर सूरजप्रसाद नायपॉल का जन्म 17 अगस्त सन 1932 को ट्रिनिदाद के चगवानस में हुआ था.

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त्रिनिदाद में पले-बढ़े नायपॉल ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्याल से पढ़ाई की थी. ‘ए बेंड इन द रिवर’ और ‘अ हाउस फॉर मिस्टर बिस्वास’ उनकी चर्चित कृतियां हैं. लेखन की दुनिया में शोहरत हासिल करने से पहले उन्होंने बीबीसी के लिए भी काम किया था.

नायपॉल को 1971 में बुकर प्राइज और साल 2001 में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. नायपॉल ने अपने साहित्य जीवन में 30 से ज्यादा किताबे लिखी थी.

2008 में ‘द टाइम्‍स’ ने 50 महान ब्रिटिश लेखकों की सूची में नायपॉल को 7वां स्‍थान दिया था. उनकी कुछ और मशहूर कृतियों में ‘इन अ फ्री स्‍टेट’ (1971), ‘ए वे इन द वर्ल्ड’ (1994), ‘हाफ ए लाइफ’ (2001) और ‘मैजिक सीड्स’ (2004) हैं.

एक रिपोर्ट के मुताबिक 1950 में उन्होंने एक सरकारी स्कॉलरशिप जीती. इसके जरिये उन्हें मनचाही कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी में दाखिला मिल सकता था लेकिन उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में दाखिला लेना उचित समझा.

नायपॉल की पहली किताब 'द मिस्टिक मैसर' साल 1951 में प्रकाशित हुई थी. अपने सबसे चर्चित उपन्यास ए हाउस फॉर मिस्टर बिस्वास को लिखने में उन्हें तीन साल से ज्यादा वक्त लगा.

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