2014 के विधानसभा चुनाव में चुनावी एफिडेविड में आपराधिक मामलों का खुलासा न करने के केस में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को नागपुर कोर्ट से जमानत मिल गई है. फडणवीस को नागपुर कोर्ट ने देवेंद्र फडणवीस को 15 हजार के बॉन्ड पर जमानत दी है. इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है .
20 जनवरी को महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस नागपुर कोर्ट में पेश हुए और उनको चुनावी एफिडेविड में आपराधिक मामलों का खुलासा न करने के केस में जमानत दे दी गई.
सुनवाई के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा-
मेरे ऊपर आज तक जो भी केस हुए, वो आंदोलन में हुए केस हैं, कोई भी निजी केस नहीं हैं. लोगों के लिए ही ये सारे केस हुए हैं इसलिए केस को छुपाने का कोई कारण नहीं है. कोर्ट मुझे न्याय देगा, न्यायपालिका पर मुझे पूरा विश्वास है.देवेंद्र फडणवीस, पूर्व सीएम महाराष्ट्र
कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी कि उनके केस में अदालत फिर से विचार करे. ये मामला चुनावी हलफनामे में जानकारी छिपाने का है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल लोअर कोर्ट में मामला चलाने का आदेश दिया था.फडणवीस ने कोर्ट से कहा है कि ये मामला मेरी किस्मत तय करेगा.
तीन जजों की बेंच के सामने फडणवीस लिए दलीलें पेश करते हुए मुकुल रोहतगी ने कहा कि ये अहम केस है क्योंकि ये अनुच्छेद 21 को प्रभावित करता है. कोर्ट को एक बार फिर इसपर विचार करने की आवश्यकता है. फडणवीस के खिलाफ रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपल्स एक्ट (आरपीए) की धारा 33 (ए) लगाना ठीक नहीं था, क्योंकि उन्होंने कोई जानकारी नहीं छिपाई थी.
फडणवीस के खिलाफ क्या है मामला
2014 के विधानसभा चुनाव में फडणवीस ने अपने चुनावी हलफनामे में ये जानकारी नहीं दी थी कि उनके खिलाफ नागपुर में ठगी और मानहानि के दो मामले चल रहे हैं. ये मामले 1996 और 1998 में दर्ज किए गए थे. इसी को लेकर संजय उइके नाम के सामाजिक कार्यकर्ता ने मुकदमा किया. बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले में फडणवीस को क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन पिछले साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने लोअर कोर्ट में मामला फिर से चलाने के निर्देश दिए थे.
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