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निकाह के लिए बेल,8 दिन में फिर जेल,ऐसी रही UAPA आरोपी इशरत की शादी

इशरत अंतरिम जमानत लेकर बाहर हैं

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12 जून की शाम शादी के कुछ मिनट बाद इशरत जहां के पति और कांग्रेस के पूर्व पार्षद फरहान हाशमी ने अपनी सफेद मास्क में छिपी मुस्कान के साथ क्विंट को बताया, “बीते साढ़े सात साल से मैं इस दिन का इंतजार कर रहा था. ईमानदारी से कहूं तो मैं बहुत खुश हूं कि मेरे साथ वह (इशरत जहां) है. शादी में कितने लोग शरीक हुए इससे अधिक मेरे लिए यही अहम है.”

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इशरत अंतरिम जमानत लेकर बाहर हैं जिन पर गैर कानूनी गतिविधि निरोधक कानून (यूएपीए) लगाया गया. प्रीत विहार स्थित उनके निवास स्थान पर 12 जून को उनकी शादी हुई. चमक-दमक से दूर इस शादी में करीब 25 लोग शामिल हुए जिनमें मुख्य रूप से रिश्तेदार थे. नये संबंध की शुरुआत के इस दिन मूड कभी अनिश्चितता तो कभी उत्सव का रहा.

इशरत अंतरिम जमानत लेकर बाहर हैं
फूलों से सजा इशरतजहां के घर का प्रवेशद्वार, जहां निकाह के लिए भवन में दूल्हे के कदम रखने का इंतजार हो रहा है. 
(फोटो: एश्वर्या एस अय्यर/क्विंट)
इशरत, जिसे घर में पिंकीबुलाते हैं, को लेकर जहां उसके परिवार वाले चिंतित हैं, वहीं उसके पति फूलेनहीं समा रहे कि साढ़े सात साल के इंतजार का अंत हो गया और अब आखिरकार वे इशरत कोअपनी पत्नी कह सकते हैं.

शादी के 8 दिन बाद इशरत को फिर जेल जाना है

इशरत महिला रिश्तेदारों से अपने कमरे में घिरी बैठी हैं. इनमें उनकी चाची और चचेरी-फुफेरी-ममेरी बहनें हैं. वह लाल और सुनहरे लहंगे में है. उसकी बाहों में आधे केहुनी तक मेहंदी लगी है. उसने इस रिपोर्टर को बताया कि वह खुशनसीब है कि उसे ऐसा व्यक्ति मिला जो हमेशा उसके साथ खड़ा रहा है.

आभार जताते हुए और बहुत राहत महसूस करते हुए वह बताती हैं, “इन दर्द भरे दिनों में वे मेरी ताकत रहे हैं और मैं अल्लाह की आभारी हूं कि मुझे उन्होंने एक ऐसा इंसान दिया जो इस दौर में मेरे और मेरी गैरमौजूदगी में मेरे परिजनों के साथ है. खासकर ऐसे में समय में जब परिवार को बड़ी समस्याएं झेलनी पड़ी हैं और भविष्य को लेकर भी अनिश्चितता है कि क्या कुछ हो सकता है. इन सबके बावजूद वे मेरे पीछे खड़े रहे और 100 फीसदी मेरे साथ रहे.”

इशरत अंतरिम जमानत लेकर बाहर हैं
इशरत और फरहान सात साल सेएक दूसरे से प्यार करते हैं. कई साल पहले ही यह तय कर लिया गया था कि इस साल 12 जून को वे शादी करेंगे.
(फोटो: एश्वर्या एस अय्यर/क्विंट)

इशरत की जिन्दगी में बड़ी समस्या 26 फरवरी को शुरू हुई जब उसे खुरेजी में प्रदर्शन स्थल से गिरफ्तार कर लिया गया था. तब उत्तर पूर्व दिल्ली के कई हिस्से में दंगे भड़क गये थे. जहांगीरपुर थाने में एफआईआर नंबर 44/2020 के तहत उसकी गिरफ्तारी हुई. उस पर भीड़ को उकसाने और घटना स्थल पर मौजूद रहने का आरोप लगा. इस मामले में करीब एक महीने बाद 21 मार्च को उसे जमानत मिल गयी. उसी दिन उसे दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया. एफआईआर नंबर 59/2020 में उस पर आतंकवाद विरोधी यूएपीए के तहत मामला दर्ज हुआ. इसी एफआईआर के तहत गिरफ्तार यूएपीए की अभियुक्त महिलाओं में इशरत पहली हैं जिन्हें अग्रिम जमानत मिली है.

फरहान, जिन्हें कुछ बच्चों और इशरत की बहनों के साथ अलग कमरे में बात करने को कहा गया था, ने घर के लोगों से बिल्कुल अलग बात रखी. वे प्रफुल्लित, चिंतामुक्त और खुद को आश्वस्त करते नजर आए. उन्होंने आसमान की ओर देखा और इस रिपोर्टर से कहा, “मैं इस दिन के लिए अल्लाह का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि आखिर वह समय आ गया. वह कह सकती है कि मैं उनकी ताकत हूं, लेकिन ईमानदारी से कहूं तो वह भी मेरी ताकत है. हमारे संबंध बहुत मजबूत हैं. हमारे मोहब्बत के दौर में सबसे बेहतरीन बात यही है. मेरे लिए वह मेरी ताकत है और आशा है कि वक्त के साथ चीजें ठीक हो जाएंगी.”

इशरत अंतरिम जमानत लेकर बाहर हैं
इशरत के लिए अपनी मोहब्बत छिपाए बगैर फरहान ने हमें बताया कि वह कोशिश करेंगे अगले 8 दिन इशरत बेहद खुश रहें.
(फोटो: एश्वर्या एस अय्यर/क्विंट)
जमानत खत्म होने में बाकी रह गये 8 दिनों को ध्यान में रखते हुए फरहान ने हमें बताया कि उसकी योजना इन दिनों यह सुनिश्चित करने की है कि उसकी नयी नवेली दुल्हन के लिए ये दिन खुशियों से भरे रहें.

जब उन्होंने मुस्कुराते हुए ऐसा कहा तो कमरे में सब लोग हंसने को मजबूर हो गये, “मैं चाहूंगा कि वह अपनी जिन्दगी जीए, क्योंकि हम भविष्य के बारे में कुछ नहीं कह सकते. इसलिए मैं उन्हें अगले 8 दिनें में मुस्कुराते देखना पसंद करूंगा और शायद मैं उनके लिए खाना बनाऊं और उसे खिलाऊं.”

फरहान जो एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं, दिल्ली के पूर्व मंत्री पूर्व राज्यसभा सांसद परवेज हाशमी के बेटे हैं.

पत्नी के बचाव में मजबूती से खड़े फरहान ने कहा कि जिन लोगों ने उन्हें अभियुक्त बनाया है, वे नहीं जानते कि वह कौन है. “मैं समझता हूं कि वे लोग इशरत कौन है इस बारे में रत्ती भर भी नहीं जानते. अगर वे जान रहे होते, तो वे ऐसा नहीं करते. ये सारे आरोप पूरी तरह से गलत हैं.”

जब उनसे पूछा गया कि बताइए इशरत कौन है? उन्होंने कहा, “मेरी जिंदगी.”

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चिंतित मां

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फिरदौस जहां के पति 2010 में दिल का दौरा पड़ने से चल बसे थे. उनकी चार बेटियां और एक बेटा हैं. इशरतपांच संतानों में मझली बेटी है.
(फोटो: एश्वर्या एस अय्यर/क्विंट)

फरहान जबकि आशावादी हैं, इशरत की मां फिरदौस जहां चुपचाप और चिंतित दिखीं. उनके पति की 2010 में दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गयी थी और तब से उन्होंने अपने बच्चों की जिम्मेदारी संभाली है.

इस रिपोर्टर से बात करते हुए वह जाने की हड़बड़ी में लगीं और शब्दों को बहुत तौल कर कहा, “जब वह 10 जून को बाहर आयी, उसने मुझे गले लगाया और लंबे समय तक रोती रही. मेरी बेटी निर्दोष है. बेशक वह सोचती है कि कैसे वह इस विकट परिस्थिति में फंस गयी.” वह थोड़ा रुकती हैं और फिर कहती हैं, “जब कोई कहीं फंस जाता है तो उसके पास कोई चारा नहीं होता. जिन्दा रहने के लिए अंदर की ताकत ढूंढ़नी पड़ती है.”

केवल एक बार इशरत की मां बगैर रुके हुए बोलती दिखीं, जब उन्होंने कहा, “मेरी बेटी निर्दोष है. वह उस सीट से पार्षद थी, उस जगह की महिलाएं वहां आतीं और मेरी बेटी को अपने समर्थन में वहां ले जाती. बस इतनी सी बात है. इससे ज्यादा कुछ भी नहीं है.”

इशरत अंतरिम जमानत लेकर बाहर हैं

नीचे के तल में एक अन्य कमरे में इशरत अपनी संबंधियों से घिरी बैठी थी, उसका दुख झलक आया जब उसने बताया, “देखिए मैं इस बात से इनकार नहीं करती कि खुरेजी में प्रदर्शन का हिस्सा मैं थी. स्थानीय अध्यक्ष और जनप्रतिनिधि होने के नाते मैंने इसमें कई बार इसमें हिस्सा लिया है. बहरहाल मैं अकेली नहीं थी. करीब हजार महिलाएं वहां थीं. तो केवल अकेले मुझे ही निशाने पर क्यों लिया गया?”

यह पूछने पर कि 19 जून को दोबारा जेल जाने के लिए वह मानसिक रूप से तैयार है? उसने कहा, “यह अल्लाह पर निर्भर करता है. मैं कुछ भी नहीं कह सकती. लेकिन, मैं यहां तक कहूंगी कि जो समय मैंने जेल में बिताए हैं वह भी मेरे साथ अन्याय है. इस तरह यह समग्रता में मेरे साथ अन्याय होगा अगर मैं भविष्य में दोबारा जेल जाऊंगी. साढ़े तीन महीने से उन लोगों ने मुझे गलत तरीके से फंसाया और मुझे जेल में रखा. यह बिल्कुल गलत है. यह बहुत दुखदायी है.” यह बताते हुए कि कैसे वह इस वक्त की जिन्दगी पर ध्यान देने चाहती है, इशरत कहती है, “मेरे लिए बीता समय मुश्किलों भरा रहा है, बहुद दुखदायक. मुझे गलत तरीके से फंसाया गया है. अब भविष्य के बारे में सोचकर मैं वर्तमान के इन पलों को बर्बाद करना कतई नहीं चाहती.”

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न्याय व्यवस्था में विश्वास

इशरत, फरहान और फिरदौस ने समान रूप से न्यायिक प्रक्रिया में विश्वास जताया. इस बात को वे अच्छे संकेत के रूप में देखते हैं कि यूएपीए की पहली अभियुक्त होने के बावजूद इशरत को जमानत मिली है.

इशरत अंतरिम जमानत लेकर बाहर हैं
कमरे में बैठी इसरत‘रुखसती’ उत्सव का इंतजार कर रही है, जब वह औपचारिक रूप से अपने नये घर में जाएगी.
(फोटो: एश्वर्या एस अय्यर/क्विंट)

उसके पति फरहान ने कहा कि अग्रिम जमानत न्याय की ओर पहला कदम है. “उस पर थोपे गये इतने बड़े आरोपों के बावजूद हमने न्याय की ओर कदम बढ़ा लिए हैं. अग्रिम जमानत इसका जीवंत उदाहरण है. इशरत आज घर पर है. भले ही यह 10 दिन के लिए हो. मैं दिल से देश के कानून और न्याय व्यवस्था का शुक्रगुजार हूं जो न्याय सुनिश्चित करेगा.” इशरत ने भी कहा कि वह खुद को बहुत भाग्यशाली समझती है, “मैं भाग्यशाली हूं कि न्यायव्यवस्था ने मुझे अवसर दिया.” यह पूछे जाने पर कि यह केवल अग्रिम जमानत है, उसने कहा, “यह अग्रिम जमानत है लेकिन मैं पहली व्यक्त हूं. मुझे महसूस होता है कि आगे भी न्यापालिका मेरे साथ हुए अन्याय को समझेगी और इंशाल्लाह मुझे जल्द ही इंसाफ मिलेगा.”

इशरत के वकील ललित वलेचा, जो एविजन लीगल सॉल्युशन एलएलपी से जुड़े हैं, ने बताया कि वे आम तौर पर दंगे, आतंकवाद या इस किस्म के मामलों की पैरवी नहीं करते, लेकिन जब वे इस केस की तह में गये और देखा कि इशरत 2006 से बार काउंसिल, दिल्ली से जुड़ी हुई हैं तो उन्होंने हामी भर दी.

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ललित वलेचा कहते हैं किजब उन्होंने पूरा केस समझा तो इशरत जहां के मामले की पैरवी के लिए वे तैयार हो गये.
(फोटो: एश्वर्या एस अय्यर/क्विंट)

केस के बारे में वे बताते हैं, “मेरे क्लाइंट को पहले एफआईआर में जमानत मिली. एफआईआर 44/2020, जो उसके खिलाफ दर्ज है और अदालत ने जमानत देते हुए आदेश में कहा था कि ‘ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे ये कहा जा सके कि उसने भीड़ को कानून अपने हाथ में लेने या पुलिस के खिलाफ बल प्रयोग के लिए उकासया.’ उसके बाद उन्होंने उसके ऊपर एफआईआर 59/2020 थोप दिया. बहरहाल जांच एजेंसी सबूत उपलब्ध कराने में विफल रही है जिससे वह मेरे क्लाइंट पर लगाए गये यूएपीए जैसे संगीन आरोपों को सही ठहरा सकें. हम अदालत में मामले को उठाना जारी रखेंगे.”

शादी के माहौल के बारे में बात करते हुए इशरत की मां ने कहा कि उन्होंने इस शादी की योजना पहले ही बना ली थी. “यह होना ही था. हम इसके लिए अदालत गये. जज ने हमें सुना और अंतरिम जमानत दे दी. हमें बहुत अच्छा लगा.” बहरहाल आने वाले दिनों के बारे में पूछे जाने पर कि इशरत जेल से कब लौटेगी, तो वह कम आशावादी दिखीं, “देखिए क्या होता है.”

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