पुलवामा हमले के बाद पहली बार सीआरपीएफ जवानों को संबोधित करते हुए नेशनल सिक्यॉरिटी एडवाइजर अजित डोभाल ने कहा कि इसमें काम करने का अपना ही मजा है. डोभाल ने सीआरपीएफ के 80वां स्थापना दिवस पर जवानों को संबोधित करते हुए पुलवामा हमले का भी जिक्र किया. उन्होंने इस दौरान सीआरपीएफ की विश्वसनीयता और हौसले का भी जिक्र किया. पढ़िए गुरुगाम के कादरपुर सीआरपीएफ कैंप में एनएसए डोभाल के भाषण की 10 बड़ी बातें
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- पिछले 51 साल से मैं भी किसी न किसी तरह इस यूनिफॉर्म और बलों के लिए काम कर रहा हूं, लेकिन सीआरपीएफ एक ऐसा बल है जिसकी विशेषताएं काफी ऊंची हैं
- हमारा मार्ग क्या हो, हमारी प्रक्रिया और उसका समय क्या हो इसका निर्धारण इस देश का नेतृत्व सक्षम है
- चाहे आतंकवाद हो या फिर आतंकवादियों की सहायता करने वाले हों, हम इनका मुकाबला करेंगे और हर चुनौती का मुकाबला करने का हमारे पास हौसला भी है और हिम्मत भी
- इस बल का भविष्य उज्जवल है. इस फोर्स का मनोबल ऊंचा है और अगर आपका मनोबल हाई है तो देश का भविष्य उज्जवल है
- शायद लोग भूल गए हैं जब हिंदुस्तान-पाकिस्तान का बंटवारा हुआ था तब जो अफरा-तफरी मची थी जो हिंसा हुई थी, उसमें सीआरपीएफ ने अहम भूमिका निभाई थी
- उन 40 बहादुर जवानों को जिन्होंने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया उन्हें नमन करता हूं. राष्ट्र इसे नहीं भूला है और न ही भूलेगा
- वल्लभ भाई पटेल ने सीआरपीएफ को 79 साल पहले ध्वज प्रदान किया और आपने उसे ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया जिस पर हमें गर्व है
- इतने लंबे समय तक देश की सेवा करना किसी भी बल के लिए एक गौरव का विषय है
- अपनी विश्वसनीतय बनाए रखना काफी जरूरी है, लोग आपकी योग्यता और बहादुरी पर भरोसा करते हैं
- यह एक ऐसी फोर्स है जो 32 लाख वर्ग किलोमीटर में कभी न कभी रही है, भारत में कोई ऐसी जगह नहीं है जहां सीआरपीएफ नहीं गई
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टॉपिक: अजीत डोभाल सीआरपीएफ एनएसए
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