प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने शुक्रवार को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) बनाए जाने के प्रोपोजल को सहमति दे दी है.
एनटीए देश में अलग-अलग बॉडीज द्वारा करवाए जाने वाले एंट्रेंस टेस्ट के लिए सिंगल बॉडी बनेगी. शुरूआत में इसके जिम्मे सीबीएसई की कुछ जिम्मेदारियां आएंगी.
ऑफिसियल स्टेटमेंट के मुताबिक, एनटीए को इंडियन सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 के तहत बनाया जाएगा. यह एक ऑटोनोमस बॉडी होगी जो हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन के लिए एग्जाम करवाएगी.
कौन से टेस्ट करवाएगा एनटीए
एनटीए को शुरूआती फेज में सीबीएसई द्वारा करवाए जाने वाले कुछ परीक्षाओं का जिम्मा सौंपा जाएगा.
10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को छोड़कर एनटीए, ज्वाइंट एनजीनियरिंग एंट्रेंस (JEE), NEET, यूजीसी के नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट जैसी परीक्षाएं करवाएगा.
इसके अलावा एनटीए साल में दो बार होने वाली CTET और जवाहर नवोदय विद्यालय में 6वीं क्लास से होने वाले एंट्रेंस टेस्ट को कंडक्ट कराएगा.
शुरूआती चरण के बाद धीरे-धीरे एनटीए के जिम्मे भविष्य में दूसरी परीक्षाएं भी की जाएंगी.
ऑनलाइन होंगे टेस्ट
एनटीए ऑनलाइन टेस्ट करवाएगा. इसके टेस्ट साल में दो बार होंगे. ग्रामीण इलाकों के छात्रों की सुविधा के लिए इसके सेंटर डिस्ट्रिक्ट लेवल पर भी खोले जाएंगे.
यहां छात्रों को परीक्षा से संबंधित ट्रेनिंग दी जाएगी. एनटीए से करीब 40 लाख छात्रों को परीक्षा संबंधी फायदा होगा.
इस तरह की बॉडी होगी एनटीए...
एनटीए की अध्यक्षता कोई प्रतिष्ठित शिक्षाविद करेगा. इसकी नियुक्ति मानव संसाधन विकास मंत्रालय करेगा.
वहीं सरकार एक सीईओ की नियुक्ति करेगी, जो इसका डॉयरेक्टर जनरल होगा. इसके अलावा एक बोर्ड ऑफ गवर्नर भी होगा. डॉयरेक्टर जनरल की मदद के लिए 9 एक्सपर्ट का पैनल होगा.
एनटीए के गठन के बाद सरकार की ओर से पहली बार इसे 25 करोड़ रूपये की ग्रांट दी जाएगी. इसके बाद इसे अपने फंड की व्यवस्था खुद करनी होगी.
वित्तमंत्री ने सभी एग्जाम को कराने के लिए एक अलग बॉडी बनाने की घोषणा 2017-18 की बजट स्पीच के दौरान की थी. उसी क्रम में अब एनटीए के गठन का फैसला लिया गया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)