प्रख्यात लेखिका गीता मेहता ने पद्मश्री सम्मान लेने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि इस साल बड़े चुनाव होने हैं और उनके पुरस्कार लेने का गलत अर्थ लगाया जा सकता है. मेहता ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बहन हैं.
उन्हें साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई है.
पुरस्कार लेने से इंकार करने की बताई वजह
गीता मेहता ने न्यूयॉर्क से एक बयान जारी कर कहा, ‘‘मैं इस बात से बेहद सम्मानित महसूस कर रही हूं कि भारत सरकार मुझे पद्मश्री के योग्य समझ रही है. लेकिन बड़े खेद के साथ मैं ऐसा महसूस कर रही हूं कि मुझे इसे लेने से इनकार कर देना चाहिए, क्योंकि आम चुनाव होने वाले हैं और पुरस्कार देने की घोषणा का वक्त गलत संदेश दे सकता है जिससे सरकार और मुझे असहज स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. ऐसा होने पर मुझे ज्यादा पछतावा होगा.''
लेखिका इस वक्त न्यूयॉर्क में हैं. ‘कर्म कोला', ‘ए रिवर सूत्र' ‘स्नेक्स एडं लैडर्स: ग्लिम्सेज ऑफ मॉर्डन इंडिया' जैसी किताबें गीता की प्रमुख किताबों में शामिल हैं.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने की पद्म पुरुस्कारों की घोषणा
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्म पुरस्कारों की घोषणा की थी. इस बार कुल 112 पद्म पुरस्कार दिए जा रहे हैं. इसमें से 94 लोगों को पद्मश्री, 14 हस्तियों को पद्म भूषण और 4 लोगों को पद्म विभूषण से नवाजा जाएगा.
कला, समाज सेवा, साइंस, इंजीनियरिंग, ट्रेड एंड इंडस्ट्री, चिकित्सा, साहित्य, शिक्षा और खेल के लिए क्षेत्र में अहम योगदान देने के लिए ये पुरस्कार दिए जा रहे हैं.
साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए चुना गया था नाम
गीता को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म श्री के लिए चुना गया था. गीता ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बड़ी बहन हैं और उन्होंने पिछले 40 सालों के अपने साहित्यिक जीवन में कई उल्लेखनीय किताबें लिखी हैं.
ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक की बेटी गीता मेहता इन दिनों न्यूयॉर्क में हैं. गृह मंत्रालय ने उन्हें 'फॉरेनर' कैटिगरी में अवॉर्ड दिया है.
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