ADVERTISEMENTREMOVE AD

Odisha: अस्पताल में मुझे नाचने पर मजबूर किया गया-बीमार पद्म श्री पुरस्कार विजेता

अगर राज्य सरकार ने सामाजिक कार्यकर्ता के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो वे सड़कों पर प्रदर्शन करेंगे- आदिवासी समुदाय संघ

Published
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

ओडिशा (Odisha) के कटक में एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कथित तौर पर पद्म श्री पुरस्कार विजेता को एक अस्पताल में नृत्य करने के लिए मजबूर किया. 71 वर्षीय कमला पुजारी को किडनी की बीमारी के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

कमला पुजारी जिस परजा आदिवासी समुदाय से आती हैं उस समुदाय ने सरकारी अस्पताल के आईसीयू में कमला पुजारी को नृत्य कराने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

अस्पताल में नाचते हुए वरिष्ठ नागरिक कमला पुजारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, हालांकि इस वीडियो की पुष्टी नहीं की जा सकी है.

सामाजिक कार्यकर्ता ममता बेहरा को इस वीडियो में अस्पताल से छुट्टी मिलने से पहले कमला पुजारी के साथ नृत्य करते देखा गया था.

कमला पुजारी ने कहा कि, "मैं बिल्कुल भी नाचना नहीं चाहती थी, लेकिन मुझे ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया था. मैंने बार-बार नाचने से मना किया, लेकिन उन्होंने (ममता बेहरा) मेरी एक नहीं सुनी, मैं बीमार थी और थक गई थी."

आदिवासी समुदाय संघ के प्रमुख हरीश मुदुली ने कहा कि अगर राज्य सरकार ने सामाजिक कार्यकर्ता के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो वे सड़कों पर प्रदर्शन करेंगे.

0

बता दें कि, कमला पुजारी को 2019 में जैविक खेती को बढ़ावा देने और देसी बीजों की 100 से अधिक किस्मों के संरक्षण के लिए पद्म श्री पुरुस्कार मिला था.

उन्हें कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की थी.

अस्पताल के रजिस्ट्रार (प्रशासन) डॉ. अविनाश राउत ने कहा कि, कमला पुजारी को एक स्पेशल केबिन में भर्ती कराया गया था, न कि आईसीयू में. जिस महिला ने कथित तौर पर उनको नाचने के लिए कहा था, वह स्पेशल केबिन में उनसे मिलने आती थी."

कमला पुजारी के परिचारक राजीव हियाल ने कहा कि वह बेहरा को नहीं जानती हैं, जो सोशल मीडिया पर उनके साथ सेल्फी में दिखाई देती हैं.

वहीं बेहरा ने कहा कि इस कृत्य के पीछे उनका कोई बुरा इरादा नहीं था और केवल "कमला पुजारी के आलस्य को दूर करना" चाहती थीं.

बता दें कि, परजा समुदाय अनुसूचित जनजातियों के अंतर्गत आता है, और यह ओडिशा की जनजातीय आबादी का 4 प्रतिशत है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×