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त्योहारों से पहले रुला रहीं आलू-प्याज की कीमतें,उठाए जा रहे ये कदम

त्योहार के सीजन में प्याज की कीमतों ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें

Published
भारत
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देश में त्योहारों का सीजन शुरू हो चुका है, कोरोना महामारी के चलते ज्यादातर लोग पहले ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. लेकिन ऐसे में प्याज और आलू की कीमतों ने भी लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. पिछले कुछ हफ्तों से प्याज की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली है. हालांकि सरकार की तरफ से ये दावा किया जा रहा है कि त्योहारों तक प्याज की कीमतों में उछाल नहीं आएगा और ये कंट्रोल में रहेंगीं. लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं दिख रहा है.

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देश के कई हिस्सों में प्याज की कीमतें 80 रुपये से ज्यादा तक पहुंच चुकी हैं. वहीं आलू के दाम भी 30 रुपये से लेकर 40 रुपये किलो तक पहुंचते दिख रहे हैं. ऐसे में त्योहारों के मौके पर इन दो जरूरी सब्जियों के दाम बढ़ना आम आदमी की जेब के लिए एक नई मुसीबत जैसा है. साथ ही सरकार के लिए भी अब ये बड़ी चुनौती है कि कोरोना की मार झेल रहे लोगों को राहत कैसे पहुंचाई जाए.

सरकार का कहना है कि प्याज की कीमतों पर आने वाले कुछ दिनों में लगाम लग जाएगी, क्योंकि सरकार ने इसके लिए कई कदम उठाए हैं. वहीं कुछ लोगों का ये भी कहना है कि त्योहारों के मौके पर या उसके ठीक बाद प्याज के दाम और ज्यादा बढ़ सकते हैं.

मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे शहरों में पहले ही प्याज लगभग 80 रुपये किलो से ज्यादा कीमत पर बिक रहा है. वहीं दिल्ली में इसके दाम 50 रुपये से 60 रुपये किलो तक हैं.

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सरकार ने क्या कदम उठाए?

प्याज की कीमतों को बढ़ता देख सरकार ने सितंबर में प्याज के निर्यात पर बैन लगा दिया था. लेकिन निर्यात पर बैन के बावजूद कीमतें लगातार बढ़ती गईं. इसके बाद सरकार की तरफ से स्टॉक लिमिट भी तय कर दी गई. होलसेल के लिए स्टोरेज लिमिट 25 मीट्रिक टन रखी गई, वहीं रीटेलर्स 2 मीट्रिक टन तक प्याज का स्टोरेज कर सकते हैं. साथ ही कीमतों को स्थित रखने के लिए 1 लाख मीट्रिक टन प्याज का बफर स्टॉक रखा गया. सरकार का कहना है कि इसे राज्यों को दिया जा रहा है. इन सब से प्याज की बढ़ती कीमत की रफ्तार थोड़ी धीमी जरूर हुई, लेकिन फिलहाल लोगों को राहत नहीं मिली है.

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