इजरायल-हमास युद्ध (Israel-Hamas War) के बीच भारत ने इजरायल से अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए 'ऑपरेशन अजय' शुरू किया है. इसकी सूचना विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट करके दी है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "विशेष चार्टर उड़ानें और अन्य व्यवस्थाएं की जा रही हैं. विदेश में हमारे नागरिकों की सुरक्षा और भलाई के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है."
इजराइल में मौजूद भारत के दूतावास ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले भारतीयों की पहली खेप को सूचित कर दिया गया है और उन्हें कल भारत के लिए पहली स्पेशल फ्लाइट में बिठाया जाएगा.
"दूतावास ने कल (गुरुवार) की स्पेशल फ्लाइट के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले भारतीय नागरिकों की पहली खेप को ईमेल कर दिया है. बाद की उड़ानों के लिए दूसरे रजिस्टर्ड लोगों को मैसेज भेजा जाएगा."
तमिलनाडु-केरल सरकार ने भी केंद्र से किया था अनुरोध
मुंबई में इजरायल के काउंसल जनरल कोबी शोशानी ने पीटीआई समाचार एजेंसी को बताया कि देश में 20,000 से ज्यादा भारतीय रहते हैं. शोशानी ने कहा कि उन्हें इजरायल में फंसे भारतीयों की सटीक संख्या नहीं पता है.
मंगलवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने जयशंकर को पत्र लिखकर कहा था कि राज्य के लगभग 7,000 लोग इजरायल में हैं और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप की मांग की थी.
तमिलनाडु सरकार ने भी एक बयान जारी कर कहा कि उन्हें राज्य के 84 लोगों के बारे में जानकारी मिली है जो इजरायल में फंसे हुए हैं. अधिकारियों ने कहा कि फंसे हुए भारतीय आगे की पढ़ाई, व्यवसाय या पर्यटक के रूप में इजरायल गए थे.
इजरायल और हमास के बीच युद्ध बुधवार को पांचवें दिन में पहुंच गया. दोनों पक्ष एक-दूसरे के खिलाफ लगातार हमले में लगे हैं, ऐसे में इस युद्ध में नई पार्टियां इस संघर्ष में शामिल हो गईं हैं. खबर लिखे जाने तक 1200 इजरायली नागरिक और 1100 फिलिस्तीनियों के मारे जाने की खबर है.
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