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ऑपरेशन सर्प विनाशः जब 2 हफ्ते में सेना ने मार गिराए थे 60 से ज्यादा आतंकी

ऑपरेशन सर्प विनाश साल 2003 में जम्मू-कश्मीर पुंछ में आतंकियों के खिलाफ हुआ था.

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जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पुंछ में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ 12 दिनों से जारी है. इस एनकाउंटर में अब तक सेना के 9 जवान शहीद हो चुके हैं. आतंकियों के खिलाफ कोई मुठभेड़ इतनी लंबी चले, ऐसा कम ही देखने को मिलता है. हालांकि इस एनकाउंटर ने 18 साल पहले हुए 'ऑपरेशन सर्प विनाश' की याद दिला दी है. ऑपरेशन में सेना ने 15 दिनों के भीतर 60 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया था.

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आतंकियों ने कर रखी थी किलेबंदी

इस इलाके को आतंकियों ने अपने किले में बदल दिया था. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार आतंकियों की तैयारी इतनी ज्यादा थी कि उन्होंने इस इलाके में अपने लिए अस्पताल तक बना लिए थे. 500 लोगों के लिए 2 महीने तक खाने-पीने की व्यवस्था भी उन्होंने कर रखी थी.

दरअसल 1999 से 2003 के बीच में पाकिस्तान से एलओसी पार कर पुंछ में घुसे आतंकियों ने सूरनकोट तहसील के हिल काका में अपना ठिकाना बना लिया था. एलओसी से 10-12 किमी दूर यह गांव बकरवाल समुदाय का था.

आतंकियों का अड्डा बन चुके इस इलाके में ना यहां पुलिस की चलती थी, ना सेना की. आतंकियों ने इस दुर्गम इलाके में बकरवाल समुदाय द्वारा पशुओं के लिए बनाए गए सैकड़ों शेल्टर्स पर भी कब्जा कर लिया था. पहाड़ों की ढलान पर बने शेल्टर्स को पत्थरों से घेरकर, गोला-बारूद से भरकर बंकर का रूप दे दिया था.

जब आतंकियों से निपटने के लिए उतारे गए 15,000 से ज्यादा जवा

ऐसा नहीं है कि सेना को आतंकियों के इस अड्डे की भनक नहीं थी. लेकिन ऑपरेशन में जानमाल का नुकसान कम करने के लिए सेना ने काफी प्लानिंग की थी. बताया जाता है कि ऑपरेशन शुरू होने से 4 महीने पहले जनवरी में इस इलाके में सेना मे 3 हेलिपैड बनाए, जिससे की दुर्गम इलाके में जवानों को सुरक्षित पहुंचाया जा सके.

उसके बाद अप्रैल में 3 ब्रिगेड के बराबर 15,000 से ज्यादा जवान आतंकियों के सफाए के लिए चलाए जा रहे इस ऑपरेशन में जुट गए.

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इस ऑपरेशन के बाद सेना ने भारी मात्रा में एके-47 रायफलें, पिस्टल, हैंड ग्रेनेड और अन्य गोला बारूद बरामद किए थे.

60 से ज्यादा आतंकी मार गिराए गए

2 हफ्ते से ज्यादा वक्त तक चले इस ऑपरेशन में 60 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे और सेना के 2 जवान शहीद हुए थे. इस ऑपरेशन में बंकरों को उड़ाने के लिए सेना ने हेलिकॉप्टरों तक का इस्तेमाल किया था.

ऑपरेशन में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, अल बद्र जैसे संगठनों के आतंकी मारे गए थे. अब इस इलाके में इतने सालों बाद आतंकियों के खिलाफ जारी एनकाउंटर ने 'ऑपरेशन सर्प विनाश' की यादों को ताजा कर दिया है.

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