देशभर की विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने में जुटे आंध प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सोमवार को ममता बनर्जी से मुलाकात की. साथ ही 22 नवंबर को होने वाली विपक्षी पार्टियों की प्रस्तावित बैठक स्थगित करने का भी ऐलान कर दिया. बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई बड़े नेता भाग लेने वाले थे.
बैठक में प्रस्तावित मोर्चे के लिए एक साझा कार्यक्रम बनाने पर भी बातचीत होनी थी. अब नायडू का कहना है कि एक नई तारीख की घोषणा की जाएगी. हालांकि, ममता बनर्जी के साथ घंटे भर चली बैठक के बाद उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के चलते ये बैठक स्थगित की गई है.
'देश बचाने में जुटी हुईं हैं पार्टियां'
इससे पहले मुलाकात के बाद नायडू और बनर्जी ने कहा कि बीजेपी का विरोध देश को बचाने के लिए किया जा रहा है और सभी पार्टियां एकजुट हैं. साथ ही बीजेपी से लोहा लेने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र से पहले एक रणनीति का खाका तैयार किया जाएगा.
नायडू ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग, आरबीआई और कैग जैसी संस्थाएं काफी दबाव में हैं. नायडू के बगल में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी भी मौजूद थीं. हालांकि, दोनों नेता इस विषय को टाल गए कि बीजेपी विरोधी मोर्चे का चेहरा कौन होगा. ये सवाल अपने आप में अहम इसलिए है क्योंकि इस रेस में देश के कई बड़े नेता शामिल हैं.
नायडू ने इस सवाल पर कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी जी की तुलना में हम सभी वरिष्ठ हैं. हर किसी के पास पर्याप्त अनुभव है'', जबकि ममता ने कहा, ‘‘सभी लोग गठबंधन का चेहरा हैं.'' नायडू ने कहा, ‘‘राष्ट्र को बचाना हमारी जिम्मेदारी है, लोकतंत्र बचाइए, संस्थाओं को बचाइए. लोकतंत्र खतरे में है.''
संसद का शीतकालीन सत्र 11 दिसंबर से है
संसद का शीतकालीन सत्र 11 दिसंबर से आठ जनवरी तक है. और ये बैठक अब इससे पहले प्रस्तावित है, नायडू का कहना है कि जो लोग बीजेपी का विरोध कर रहे हैं वो बैठक में शामिल हो सकता हैं और चर्चा कर सकते हैं. चंद्रबाबू नायडू नेबीएसपी चीफ का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हम मायावती जी के संपर्क में हैं. जो लोग बीजेपी का विरोध कर रहे हैं, जो लोग राष्ट्र की हिफाजत करना चाहते हैं, हम साथ मिल कर काम करेंगे.'' ममता ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब हमने देश हित के बारे में चर्चा की है. बता दें कि आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने - अपने राज्यों में मामलों की जांच करने और छापे मारने के लिए सीबीआई को दी गई मंजूरी शुक्रवार को वापस ले ली.
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