8 नवंबर को नोटबंदी के फैसले के बाद नए साल की पूर्व संध्या पर देश के नाम पीएम मोदी के संबोधन पर विपक्ष ने पलटवार किया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने कहा है कि पीएम ने एक तरह से संसद के बाहर बजट का भाषण पढ़ा है और यह सर्वोच्च विधायिका को नजरअंदाज करना है. ममता बनर्जी ने भी पीएम पर प्री-बजट भाषण देने का आरोप लगाया.
बजट स्पीच संसद के बाहर
दरअसल राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में पीएम ने जनकल्याण की कुछ योजनाओं की घोषणा की. इस घोषणा के बाद ही विपक्ष ने पीएम पर निशाना साध लिया. पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि ऐसा शायद पहली बार हो रहा है कि बजट स्पीच संसद के बाहर दी गई? मनीष तिवारी ने ट्वीट में लिखा कि अब 1 फरवरी को अपने भाषण में जेटली क्या बोलेंगे. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या इसे संसद की अवमानना नहीं माना जाना चाहिए?
मूल एजेंडे से भटके PM
ममता बनर्जी ने भी मोदी पर निशाना साधा. ममता ने ट्वीट किया कि पीएम मूल अजेंडा कालेधन और नोटबंदी से भटक गए. ममता ने आरोप लगाया कि पीएम ने वित्त मंत्री के पद को भी लेते हुए प्री-बजट स्पीच दे दिया. ममता बनर्जी ने ट्वीट में सवाल उठाया, 'नोटबंदी के आंकड़े कहां हैं? कितना कालाधन बरामद किया गया. 50 दिनों तक दर्द झेलने के बाद देश को क्या मिला? ममता ने तंज किया कि 2017 का साल डिमोदीटाइजेशन का साल होगा. ममता ने कहा कि यह 2017 के लिए देशवासियों का नया साल का संकल्प होगा.
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमत पटेल ने कहा, 'हम पीएम के संबोधन से निराश हैं क्योंकि इसमें हमारे उन पांच सवालों के जवाब नहीं हैं जिनमें पूछा गया था कि कैश की कमी कब दूर होगी.' दूसरी ओर, सीपीएम के सीताराम येचुरी ने कहा, 'ऐसा लगता है कि वित्त मंत्री के पास कोई काम नहीं बचा है क्योंकि बजच की स्पीच तो पीएम दे चुके हैं.' उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, 'पूरे 45 मिनट के भाषण में से 30 मिनट तक तो पीएम प्रवचन ही देते रहे.'
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