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भारत - हर साल 12 लाख से ज्यादा नवजातों की मौत

जन्मजात विसंगतियों की पहचान करने के लिए बर्थ डिफेक्ट सर्विलांस सिस्टम बनाया जा रहा है.

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मोदी सरकार ने आज मंगलवार को बयान जारी करते हुए कहा है कि भारत में हर साल होने वाली नवजात मौतों का आंकड़ा 12.6 लाख के पार पहुंच गया है. इनमें से 57% नवजात अपने जन्म के 28 दिनों के भीतर ही दम तोड़ देते हैं. मौत की वजहों में समय से पूर्व जन्म, इन्फेक्शन और जन्माघात शामिल है.

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जन्मजात विसंगतियों की पहचान करने के लिए बर्थ डिफेक्ट सर्विलांस सिस्टम बनाया जा रहा है.
(फोटो: TheQuint)
सेंपल रजिस्ट्रेसन सिस्टम (SRS) 2013 के मुताबिक, भारत में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मौत का आंकड़ा 12.6 लाख के पार पहुंच गया है. इनमें से 57% मौतें जन्म के 28 दिनों में हो जाती हैं. 
जे पी नड्डा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने कहा कि केंद्र सरकार ने एक SMS बेस्ड इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (ई-विन) योजना शुरू की है. इसकी मदद से देशभर की 4,476 कोल्ड स्टोरेज प्वॉइंट्स पर वैक्सीन स्टॉक की रियल टाइम मॉनिटिरिंग की जाएगी.

ये कोल्ड स्टोरेज प्वॉइंट्स उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश में ग्लोबल एलायंस फॉर वैक्सीन एंड इम्यूनाइजेशन के तहत बने हुए हैं.

स्नैपशॉट

क्या कहते हैं आंकड़े

  • शिशु मृत्यु दर - प्रति 1000 बच्चों पर 40 शिशुओं की मौत
  • नवजात मृत्यु दर - प्रति 1000 बच्चों पर 28 नवजातों की मौत
  • 5 वर्ष से कम उम्र के 1000 बच्चों में 49 बच्चों की मौत

नड्डा ने कहा कि उन जिलों में ध्यान देने की आवश्यकता है जहां ये प्रतिशत ज्यादा है. 184 लो परफॉर्मिंग जिलों को चिन्हित किया गया है.

नवजात शिशु मृत्युदर को कम करने के लिए नए कदम उठाए गए हैं. इनमें जन्म के समय विटामिन K इंजेक्शन, एंटीनेटल कॉर्टिकोस्टेरॉइड और माताओं की मुस्तैदी से देखभाल किया जाना शामिल है. 
जे पी नड्डा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री

नड्डा ने कहा कि इसके साथ ही जन्मजात विसंगतियों की पहचान करने के लिए बर्थ डिफेक्ट सर्विलांस सिस्टम बनाया जा रहा है.

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