पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की सीबीआई रिमांड 30 अगस्त तक बढ़ गई है. इसी बीच, चिदंबरम के परिवार ने बयान जारी कर मीडिया पर पूर्व वित्त मंत्री के खिलाफ बेबुनियाद आरोप चलाने का आरोप लगाया है. चिदंबरम के परिवार ने कहा कि वो ये देखकर काफी परेशान हैं कि मीडिया पिछले कुछ दिनों से पी चिंदबरम के बारे में एकदम गलत, और बेबुनियाद आरोपों की रिपोर्टिंग कर रहा है.
चिदंबरम के परिवार ने कहा कि सरकार उन्हें नीचा दिखाने के लिए ऐसा कर रही है, लेकिन मीडिया ऐसे लोगों के खिलाफ अपनी आजादी बरकरार रखने में भी नाकाम है. परिवार ने ये भी कहा कि कोई भी इंसान तब तक बेगुनाह है जब तक कोर्ट में उसे दोषी करार नहीं कर दिया जाता.
‘हम इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि सच्चाई की जीत होगी. चिदंबरम पिछले 50 सालों से पब्लिक के बीच हैं और उनकी ईमानदारी, काम और साथ ही योगदान को किसी कैंपेन के तहत मिटाया नहीं जा सकता.’पी चिंदरम के परिवार ने बयान में कहा
चिदंबरम के परिवार ने कहा कि उन्हें गैरकानूनी तरीके से पैसे लेने की कोई जरूरत नहीं है. 'इसलिए हम कई देशों, बैंक अकाउंट्स, शेल कंपनियों में संपत्तियों के आरोपों से हैरान हैं.'
चिदंबरम के परिवार ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि वो दुनिया में कहीं भी एक अघोषित बैंक खाते, एक अघोषित संपत्ति या एक शेल कंपनी को लेकर सबूत पेश करे.
क्या है INX मीडिया केस?
चिदंबरम पर सीबीआई का आरोप है कि साल 2007 में बतौर वित्त मंत्री उन्होंने INX मीडिया को विदेशी निवेश के लिए गैरकानूनी तरीके से मंजूरी दी थी. इसके बाद पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी की कंपनी INX मीडिया में 305 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश आया. लेकिन बताया गया है कि अनुमति सिर्फ 5 करोड़ रुपये की थी. इसके बाद ही विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से INX मीडिया को मंजूरी दिलाने के आरोप में चिदंबरम जांच के दायरे में आए. सीबीआई के मुताबिक एफआईपीबी की मंजूरी के लिए इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी ने तत्कालीन वित्त मंत्री चिदंबरम से मुलाकात की थी.
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