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संसद हमले में अफजल गुरु की भूमिका पर संदेहः चिदंबरम

कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा, अफजल को फांसी देने का फैसला सही नहीं था.

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यूपीए सरकार में संसद हमले की साजिश में शामिल आतंकी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के करीब तीन साल बाद तत्कालीन वित्त मंत्री और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने अंग्रेजी अखबार इकॉनमिक टाइम्स को दिए साक्षात्कार में कहा है कि उन्हें लगता है कि अफजल गुरु मामले में सही फैसला नहीं दिया गया था.

उन्होंने कहा कि साल 2001 में संसद पर हुए हमले में अफजल गुरु की भूमिका पर संदेह है. चिदंबरम उस सवाल का जवाब दे रहे थे जिसमें उनसे अफजल गुरु पर दिए अदालत के फैसले को लेकर प्रतिक्रिया मांगी गई थी.

मुझे लगता है कि अफजल गुरु मामले में सही ढंग से निर्णय नहीं लिया गया. लेकिन सरकार में रहने के दौरान आप कोर्ट के फैसले पर सवाल नहीं उठा सकते, क्योंकि सरकार की तरफ से ही उस पर मुकदमा चलाया गया था. हालांकि, एक आजाद नागरिक के तौर पर मैं यह कह सकता हूं कि इस मामले में सही फैसला नहीं किया गया.
पी. चिदंबरम, कांग्रेस नेता

पी चिदंबरम वित्त मंत्री बनने से पहले साल 2008 से 2012 तक गृह मंत्री रहे थे. साल 2001 में संसद पर हुए हमले में अफजल गुरु को हमले की साजिश में शामिल होने का दोषी पाया गया था. साल 2013 में जब अफजल गुरु को फांसी दी गई उस वक्त यूपीए सरकार में सुशील कुमार शिंदे गृह मंत्री थे.

पी. चिदंबरम ने कहा कि संसद हमले की साजिश में अफजल गुरु के शामिल होने को लेकर भी संदेह है. उन्होंने कहा कि अफजल को फांसी के बजाय उम्र कैद भी दी जा सकती थी.

इस बात को लेकर गहरा शक है कि अफजल गुरु साल 2001 के संसद हमले में किस हद तक शामिल था. अफजल को बिना पैरोल के उम्रकैद भी दी जा सकती थी.
पी. चिदंबरम, कांग्रेस नेता

इससे पहले जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में बीते 9 फरवरी को अफजल गुरु की बरसी पर कार्यक्रम आयोजित किए जाने और उसके समर्थन में नारे लगाए जाने के बाद से सियासत तेज हो गई है.

हाल ही में, द क्विंट के साथ बातचीत में अफजल गुरु की पत्नी तबस्सुम गुरु ने भी आरोप लगाते हुए कहा था कि अफजल गुरु के साथ न्याय नहीं हुआ है. तबस्सुम गुरु के साथ हुई पूरी बातचीत को आप यहां पढ़ सकते हैं.

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