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‘पद्मावती’ : करणी सेना ने फिर उगली आग, देश भर में रोक की मांग

फिल्म पर 20 राज्यों में रोक की मांग

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पद्मावती को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. इस विवाद की शुरुआत करने वाली करणी सेना ने पूरे देश में इस पर बैन लगाने की एक बार फिर से मांग की है. इस बार उन्होंने प्रधानमंत्री से फिल्म पर बैन लगाने के मामले में दखल देने की अपील की है.

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‘20 राज्यों में फिल्म पर लगे रोक ’

राजपूत करणी सेना के संस्थापक-संरक्षक लोकेंद्र सिंह कालवी चाहते हैं कि इस फिल्म पर देश के कम से कम 20 राज्यों में रोक लगे. उन्होंने मंगलवार को कहा-

6 राज्य पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि वे अपने राज्य में फिल्म रिलीज नहीं करेंगे. हम इसका स्वागत करते हैं. रिलीज की नई तारीख के घोषित होने तक हम चाहते हैं कि कम से कम 20 मुख्यमंत्री इसे रिलीज नहीं करने की घोषणा करें. सिनेमैटोग्राफी अधिनियम की एक धारा के मुताबिक राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र में है. केंद्र किसी फिल्म को सेंसर बोर्ड की मंजूरी से पहले या बाद में भी प्रतिबंध लगा सकता है.

‘रोक लगाने के लिये पीएम दखल दें’

करणी सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी ने फिल्म पद्मावती पर देश में बैन लगाने के लिये प्रधानमंत्री से दखल देने की मांग की है. कालवी ने कहा कि सिनेमाटोग्राफी एक्ट के तहत केंद्र सरकार को फिल्म को परदे तक पहुंचने से रोकने का हक है.

जयपुर में हुई मौत की जांच की मांग

कालवी ने जयपुर में हुई मौत मामले में जांच की मांग की. चेतन सैनी का शव शुक्रवार को नाहरगढ़ किले की बाहरी दीवार से लटका हुआ पाया गया था और पास ही कोयले से पद्मावती फिल्म को लेकर संदेश लिखे मिले थे.

उन्होंने इस घटना के संदर्भ में कहा कि सवाल है कि कौन जयपुर के सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ना चाहता है और दूसरा सवाल ये कि शव के पास 'हम पुतले नहीं जलाते, लटकाते भी हैं' लिखकर किसने करणी सेना को धमकी दी है.

शूटिंग के समय से ही विवादों में

भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' अपनी शूटिंग के समय से ही विवादों में रही है. करणी सेना और दूसरे समूह फिल्म का विरोध कर रहे हैं. इनका दावा है कि इसमें ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा गया है. जबकि भंसाली का कहना है कि ऐसा कुछ भी नहीं है. फिल्म 'पद्मावती' पहले एक दिसंबर को रिलीज होनी थी, जिसे टाल दिया गया है.

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(इनपुटः IANS और PTI से)

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