करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन से ठीक पहले पाकिस्तान आर्मी की तरफ से बड़ा बयान आया है. पाकिस्तान की सेना ने अपने ही प्रधानमंत्री को झूठा साबित कर दिया है. सेना ने कहा है कि करतारपुर साहिब के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को पासपोर्ट रखना जरूरी है. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर के लिए भारतीय श्रद्धालु बिना पासपोर्ट नहीं आ सकते हैं.
इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट कर कहा था कि भारतीय श्रद्धालुओं को करतारपुर दर्शन के लिए किसी पासपोर्ट की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा था कि पासपोर्ट के बदले उनके पास सिर्फ एक वैध आईडी कार्ड होना जरूरी है. इमरान ने ट्वीट किया था-
“भारत से करतारपुर आने वाले सिख श्रद्धालुओं के लिए मैंने दो शर्तें हटा दी हैं. इसके तहत अब उन्हें पासपोर्ट की जरूरत नहीं होगी, बल्कि सिर्फ एक वैध पहचान पत्र दिखाने की जरूरत होगी. उन्हें अब 10 दिन पहले से पंजीकरण भी नहीं कराना होगा.”
इमरान खान के इस वादे पर पाकिस्तान की सेना ने जवाब दिया है और उनके इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया है. इससे पहले भारत की तरफ से कहा गया था पाकिस्तान पासपोर्ट वाले मामले पर अपना रुख साफ करे.
पाकिस्तान की तरफ से अभी तक कई मामलों को लेकर सफाई नहीं मिली है. पाकिस्तान ने विशिष्ट लोगों के लिए इंतजामों और जरूरी चीजों के बारे में अवगत कराने के लिए एक टीम भेजने के भारत के अनुरोध पर भी अब तक जवाब नहीं दिया है.
गुरु नानक जयंती पर निशुल्क यात्रा
इमरान खान ने गुरु नानक जयंती के मौके पर शुल्क माफ करने की भी घोषणा की थी. उन्होंने कहा था, "उद्घाटन समारोह पर आने वाले और गुरु जी (सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी) की 550वीं जयंती पर आने वाले श्रद्धालुओं से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा." बता दें कि करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन 9 नवंबर को होगा.
गुरुद्वारा दरबार साहिब के नाम से प्रसिद्ध करतारपुर साहिब गुरुद्वारा सिख धर्म में खास मान्यता रखता है, जहां गुरु नानक देव ने 18 साल गुजारे थे और यहीं उन्होंने निर्वाण प्राप्त किया था.
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