पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष को एक और पत्र लिखकर 'कश्मीर की स्थिति' की तरफ उनका ध्यान खींचा है. यह छठी बार है जब कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र अधिकारियों को कश्मीर मुद्दे पर पत्र लिखा है.
पाकिस्तान के विदेश विभाग ने 18 नवंबर को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी. इसमें कहा गया है कि कुरैशी ने पत्र में भारत और पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह (UNMOGIP) को मजबूत बनाने का आग्रह किया है.
कुरैशी ने लिखा है कि पाकिस्तान, भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेश में विभाजित करने के निर्णय को अस्वीकार करता है. कुरैशी ने कहा है कि ‘यह विभाजन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के खिलाफ है, इसलिए अंतर्राष्ट्रीय कानून की दृष्टि से यह अवैध है.’ पत्र में कुरैशी ने कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन के अपने पुराने आरोपों को दोहराया है.
विदेश विभाग के बयान में कहा गया है कि पत्र बीती 31 अक्टूबर को भेजा गया और पाकिस्तान के अनुरोध पर इसे संयुक्त राष्ट्र सदस्यों के बीच सुरक्षा परिषद के आधिकारिक दस्तावेज के रूप में वितरित किया गया.
विदेश विभाग ने ये पत्र जारी किया है. इसे पढ़ने से साफ हो जाता है कि यह उनका संयुक्त राष्ट्र अधिकारियों को भेजा गया छठा पत्र है.
कुरैशी ने UNMOGIP को मजबूत बनाए जाने का आग्रह करते हुए पत्र में लिखा है कि ऐसा किया जाना विश्वास बहाली का एक अच्छा कदम होगा, इससे सुरक्षा परिषद को समय पर (कश्मीर की स्थिति की) सटीक जानकारी मिल सकेगी जो तनाव को और बढ़ने से रोकने में सहायक होगी. उन्होंने सुरक्षा परिषद से 'कश्मीर के हालात' का जल्द से जल्द संज्ञान लेने का आग्रह किया.
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