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अयोध्या पर बोले पाकिस्तानी विदेश मंत्री-मुस्लिमों को दबाया जाएगा

विवाद के मुख्य मुस्लिम पक्षकार सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने फैसले पर संतुष्टि जताई

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अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भारत में तो सभी दलों ने इसका एकमत से स्वागत किया है और इसका सम्मान किया है, लेकिन पड़ोसी देश पाकिस्तान इसको लेकर ज्यादा परेशान दिख रहा है. फैसले के बाद पाकिस्तानी मीडिया से लेकर वहां के राजनीतिक दलों ने भी इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त की.

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शनिवार 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने करीब 69 साल पुराने अयोध्या-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में अपना फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन का हिस्सा हिंदू पक्ष के हवाले करने का आदेश दिया. साथ ही मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही किसी महत्वपूर्ण जगह पर मस्जिद के लिए 5 एकड़ भूमि देने का फैसला किया.

भारत में लगभग सभी दलों और पक्षकारों ने इस फैसले पर संतुष्टि जताई. केस के मुख्य मुस्लिम पक्षकार सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने भी फैसले का स्वागत किया और इसे चुनौती नहीं देने का फैसला किया है.

हालांकि पाकिस्तानी न्यूज पोर्टल Dawn.com ने लिखा- “इस फैसले से भारत के हिंदू और मुस्लिमों के पहले से ही मुश्किल रिश्ते और प्रभावित हो सकते हैं.”

वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस फैसले के समय पर ही सवाल खड़े कर दिए. कुरैशी ने साथ ही कहा कि इस फैसले से मुसलमान और दबाव में रहेंगे.

“भारतीय सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला पहले से ही प्रताड़ित मुसलमानों पर और ज्यादा दबाव डालेगा. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय पूरा फैसला पढ़ने के बाद अपना बयान जारी करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने लंबे समय के बाद आज फैसला सुनाया. भारतीय कोर्ट ने आज ही क्यों अपना फैसला सुनाया?”
शाह महमूद कुरैशी, पाकिस्तानी विदेश मंत्री

पाकिस्तान सरकार के अन्य मंत्री भी पीछे नहीं रहे और इस फैसले पर अपनी राय जाहिर की. पाकिस्तान के मानवाधिकार मंत्री शिरीन माजरी ने ट्वीट में कहा-

“असल में हिंदुत्व जीत गया है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने एक ट्रस्ट बनाया है, जिसको मंदिर के निर्माण के लिए जमीन दी जाएगी क्योंकि वहां मस्जिद नहीं बन सकती. सेक्युलर भारत का दिखावा खत्म हुआ. भारतीय सुप्रीम कोर्ट मोदी के हिंदुत्व के साथ है.”
शिरीन माजरी, पाकिस्तानी मंत्री

पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली में विपक्ष के नेता और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ ने इस फैसले को न्याय का मजाक बताया.

“बाबरी मस्जिद के जमीनी विवाद मामले में भारतीय सुप्रीम कोर्ट का फैसला इंसाफ का मजाक है. ये एक बार फिर इशारा करता है कि किस तरह भगवा विचारधारा भारतीय समाज को खा रही है और सेक्युलरिज्म बिखर रहा है. भारतीय मुस्लिमों को दबाया जा रहा है.”
शहबाज शरीफ, पाकिस्तानी सांसद

हालांकि भारत में इस फैसले के बाद सभी पक्ष संतुष्ट नजर आए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि पिछली पीढ़ियों को इस विवाद के कारण परेशान होना पड़ा लेकिन इस फैसले से नई पीढि़यां नए भारत के निर्माण के लिए जुट पाएंगी.

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