आतंकवाद को लेकर जहां दुनियाभर से पाकिस्तान को फटकार लग रही है, वहीं पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. अब खबर है के पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना आतंकी मसूद अजहर को रिहा कर दिया है. इंटेलिजेंस की एक रिपोर्ट के हवाले से ये खुलासा हुआ है. मसूद अजहर की रिहाई ऐसे वक्त हुई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर को लेकर भारी तनाव है. मसूद अजहर भारत में कई बड़े आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड रह चुका है.
जैश के सरगना मसूद अजहर ने इस साल भारतीय सुरक्षाबलों पर सबसे बड़ा आतंकी हमला करवाया था. पुलवामा में हुए इस हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे. जिसके बाद भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अजहर के खिलाफ एक बार फिर सबूत पेश किए थे.
सेना को मिल रहे आतंकियों के इनपुट
मसूद अजहर जैसे मास्टरमाइंड की रिहाई को कई तरीके से देखा जा रहा है. अजहर को किसी भी बड़े आतंकी हमले की साजिश रचने के लिए जाना जाता है. उधर कुछ ही दिन पहले भारतीय सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खुलासा किया था कि पाकिस्तान किसी बड़े हमले की फिराक में है. पाकिस्तान की तरफ से घाटी में लगातार आतंकियों की घुसपैठ की जा रही है. वहीं सेना ने सीमा के नजदीक आतंकियों के लॉन्च पैड होने की भी बात की थी. अब ऐसे हालात में जैश के सरगना की रिहाई भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन सकती है.
भारतीय सुरक्षाबलों पर पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद दुनियाभर के देशों ने पाकिस्तान को फटकार लगाई थी, जिसके बाद पाकिस्तान ने मसूद अजहर समेत कई आतंकियों पर कार्रवाई का दिखावा किया था. तब पाकिस्तान ने 44 बड़े आतंकियों को हिरासत में लिए जाने का दावा किया था.
ग्लोबल टेररिस्ट घोषित है अजहर
बता दें कि मसूद अजहर को भारत की कई कोशिशों के बाद संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया गया था. यह भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत थी. इसके बाद मसूद अजहर पर कई तरह के बैन लग गए थे. इसके तहत उसकी सभी संपत्तियां जब्त करने, ट्रैवल बैन, हथियारों के कारोबार और ट्रेनिंग पर रोक लगाने जैसी कई पाबंदियां शामिल हैं. हालांकि ग्लोबल आतंकी घोषित होने के बाद भी पाकिस्तान मसूद अजहर पर कड़ी पाबंदिया नहीं लगा पाया.
भारत ने हाल ही में Unlawful activities (prevention) act (UAPA) के तहत आतंकी मसूद अजहर को आतंकी घोषित किया है. UAPA में संशोधन के बाद अजहर समेत कई आतंकियों और अपराधियों को इसके तहत आतंकी घोषित किया गया है. इस कानून में संशोधन से पहले सिर्फ संगठनों को ही आतंकवादी संगठन घोषित किया जा सकता था. लेकिन अब ऐसा नहीं है, आतंकी गतिविधियों में शामिल किसी शख्स को भी आतंकी घोषित किया जा सकता है.
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