ADVERTISEMENTREMOVE AD

FATF की ‘ग्रे लिस्ट’ में रहेगा पाक, टेरर फंडिंग न रोकने पर एक्शन

पाकिस्तान को जून 2020 तक सभी 27 बताए गए निर्देशों का पालन करने को कहा गया है.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

पाकिस्तान ग्लोबल टेरर फाइनेंसिंग वॉचडॉग एजेंसी FATF की 'ग्रे लिस्ट' में ही रहेगा. न्यूज एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को चेतावनी भी दी है. FATF ने कहा है कि अगर वो लश्कर और जैश जैसे आतंकी संगठनों को पैसे की सप्लाई नहीं रोकता है तो कड़े कदम उठाए जाएंगे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
पाकिस्तान के लिए ‘ग्रे लिस्ट’ में रहने का मतलब है कि IMF, वर्ल्ड बैंक और यूरोपियन यूनियन से वित्तीय मदद लेना मुश्किल हो जाएगा. पाकिस्तान की वित्तीय हालत पहले से ही खराब है.  

FATF ने ये फैसला पेरिस में हुई बैठक में लिया है. 16-21 फरवरी तक पेरिस में ग्रुप मीटिंग चली थीं.

FATF की ये बैठक आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के फाउंडर हाफिज सईद को 11 साल की सजा होने के कुछ वक्त बाद हुई है. पाकिस्तान के एक कोर्ट ने दो टेरर फाइनेंसिंग मामलों में सईद को 11 साल जेल की सजा सुनाई है.

जून 2020 तक का दिया वक्त

पाकिस्तान को जून 2020 तक सभी 27 बताए गए निर्देशों का पालन करने को कहा गया है. हालांकि, FATF ने उसे 'ब्लैक लिस्ट' में भेजने का सुझाव नहीं दिया. पाकिस्तान ने अभी तक 27 में से सिर्फ 13 निर्देशों का पालन किया है. ये सभी निर्देश टेरर फंडिंग और मनी लॉन्डरिंग रोकने से संबंधित हैं. पिछले FATF के सत्र में पाकिस्तान इन 27 में से महज 5 निर्देशों का पालन कर पाया था.

FATF ने ये टास्क टेरर फंडिंग पर लगाम लगाने के लिए बताए थे. तब पाकिस्तान को निर्देश दिए गए थे कि उसे एक्शन प्लान फरवरी 2020 तक पूरा करना है.

FATF क्या है?

FATF एक इंटर-गवर्नमेंटल संगठन है, जिसे 1989 में मनी लॉन्डरिंग, टेरर फाइनेंसिंग और इंटरनेशनल फाइनेंशियल सिस्टम को खतरे से निपटने के लिए बनाया गया था. FATF में अभी 39 सदस्य हैं. भारत इसके एशिया-पैसिफिक ग्रुप का मेंबर है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×