मध्य प्रदेश के उज्जैन में 20 अगस्त को निकाले गए मोहर्रम (Moharram) के जुलूस में कथित तौर पर पाकिस्तान (Pakistan Zindabad) के नारे लगाने के आरोप में पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया था. इस जुलूस का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ, दावा किया गया कि वीडियो में लोगों को ''पाकिस्तान जिंदाबाद'' कहते हुए सुना जा सकता है.
लेकिन, मामले ने नया मोड़ तब लिया जब सोशल मीडिया पर आरोप के साथ वायरल हो रहे वीडियो का एक बड़ा वर्जन सामने आया. अब इस वीडियो के आधार पर पुलिस के उन आरोपों को खारिज किया जा रहा है, जिनके मुताबिक रैली में पाकिस्तान समर्थित नारे लगे. सिलसिलेवार ढंग से समझते हैं अब तक इस मामले में क्या-क्या हुआ है और किसका क्या दावा है.
मोहर्रम के जुलूस में आखिर हुआ क्या था?
घटना 19 अगस्त देर रात की है. उज्जैन की गीता कॉलोनी में मोहर्रम का ताजिया उठाया जा रहा था, काफी भीड़ भी जुटी थी, नारेबाजी हो रही थी. तभी देश विरोधी नारे लगने की सूचना मिलने पर पुलिस वहां पहुंची और भीड़ तितर-बितर हो गई. उज्जैन पुलिस ने वीडियो और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मामले में 15 लोगों पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया है. वहीं मामले में चार लोगों पर नामजद प्रकरण दर्ज हुआ है.
सोशल मीडिया पर अब मोहर्रम के उसी जुलूस के दूसरे एंगल से रिकॉर्ड किए गए कुछ अन्य वीडियो भी सामने आए हैं. बताया जा रहा है कि वीडियो में आ रही आवाजों को ध्यान से सुनने पर पता चलता है कि असल में जुलूस में पाकिस्तान जिंदाबाद नहीं बल्कि काजी साहब जिंदाबाद के नारे लगे.
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर प्रतीक सिन्हा के ट्वीट को रीट्वीट कर कर दावा किया है कि रैली में पाकिस्तान जिंदाबाद नहीं बल्कि काजी साहब जिंदाबाद के नारे लगे थे. दिग्विजय सिंह ने पुलिस से सभी आरोप वापस लेने की मांग की है.
हमने उज्जैन के एसपी सत्येंद्र कुमार शर्मा से संपर्क किया. क्विंट से बातचीत में उन्होंने कहा कि पुलिस के पास इस बात के पर्याप्त सुबूत हैं कि जुलूस में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे थे.
हमारे पास इस बात के डिजिटल प्रमाण मौजूद हैं कि ''पाकिस्तान जिंदाबाद'' के नारे लगाए गए थे. सबसे पहले भीड़ में मौजूद कुछ लोगों ने ही मामले की जानकारी दी. इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और कार्रवाई की.सत्येंद्र कुमार शर्मा, एसपी उज्जैन
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने रैली में काजी साहब जिंदाबाद नारे लगने के दावे को निराधार बताया है.
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