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वर्ल्ड कप मैच के दौरान खालिस्तान मूवमेंट के समर्थन में लगे नारे

90 के दशक में सुरक्षा बलों ने पंजाब से मिलिटेंसी को खत्म कर दिया, इसके बाद से पाक खालिस्तानियों के संपर्क में रहा है

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भारतीय सेना के पूर्व अफसर ने कहा है कि ब्रिटेन और कनाडा में रह रहे खालिस्तान समर्थक सिखों को पाकिस्तानी मुसलमान और ISI का समर्थन मिलता है. साथ ही इन देशों में बने गुरुद्वारों से चरमपंथियों को खालिस्तान मूवमेंट को जिंदा रखने के लिए भारी मात्रा में फंड और संरक्षण मिलता है. वहीं वर्ल्ड कप के मैचों के दौरान भी कई बार खालिस्तानियों को मैच देखते हुए पाया गया है.

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‘‘खालिस्तान मूवमेंट के लिए सबसे ज्यादा पैसा कनाडा और यूनाइटेड किंगडम से आता है. हालांकि, इन देशों की सरकारें इन्हें सपोर्ट नहीं करतीं. यूनाइटेड किंगडम में पाकिस्तान का एक बहुत बड़ा मुस्लिम समुदाय रहता है जो कि काफी खुलकर काम करता है और इनका समर्थन करते हैं. साथ ही ये सब पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के संपर्क में भी हैं. ये सब मिलकर युनाइटेड किंगडम में एक आंदोलन खड़ा करना चाहते हैं और दो देशों से इन्हें फंड मिलता है.’’
मेजर जनरल(रिटायर्ड) ध्रुव सी. कटोच

पाकिस्तान हमेशा से ही भारत की शांति को भंग करने के एजेंडे पर काम कर रहा है. सोशल मीडिया पर भी ऐसे कई वीडियो वायरल हुए थे जिनमें वर्ल्ड कप मैच के दौरान पाकिस्तानियों के साथ मिलकर खालिस्तान समर्थक सिख नारे लगा रहे हैं.

मेजर जनरल ध्रुव कटोच का मानना है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी खालिस्तान समर्थकों के साथ मिलकर भारत के संप्रभुता को खंडित करना चाहती है और वो आग से खेल रही है.

‘‘पाकिस्तान एक गंदा खेल खेल रहा है. पाकिस्तान को ये याद रखना चाहिए कि महाराजा रणजीत सिंह की एक सिख रियासत थी और उसकी राजधानी लाहौर थी. अगर वो खालिस्तान मूवमेंट की आग को हवा देते हैं तो पाकिस्तान के टुकड़े होना भी तय है.’’
मेजर जनरल(रिटायर्ड) ध्रुव सी. कटोच

मैच के दौरान पाकिस्तानियों के साथ नारे लगाते खालिस्तान समर्थक

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच खेले गए वर्ल्ड कप मुकाबले में स्टैंड्स में कुछ लोग खालिस्तान और पाकिस्तान का झंडा लेकर नारेबाजी कर रहे थे. एक वीडियो जो सबसे ज्यादा वायरल हुई उसमें एक महिला ने दावा किया कि वो अहमदाबाद के जुहापुरा से है. इस वीडियो में सिख समुदाय के लोग ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ और खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं. इस वीडियो के वायरल होने के बाद अहमदाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच इस महिला की जानकारी इकट्ठा कर रही है.

बता दें, 90 के दशक में भारतीय सुरक्षा बलों ने पंजाब से मिलिटेंसी को खत्म कर दिया था. इसके बाद से पाकिस्तान लगातार खालिस्तान समर्थकों के संपर्क में रहा है.

(इनपुट ANI से)

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