बुधवार, 17 नवंबर को पाकिस्तान की संसद ने कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) को सजा के खिलाफ अपील का अधिकार देने से जुड़ा विधेयक पास किया. पाकिस्तान का दावा है कि इस कानून से उसने इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के फैसले का पालन किया है. हालांकि भारत सरकार नए कानून से खुश नहीं है और उसने इसे जाधव को न्याय दिलाने के लिए अपर्याप्त बताया है.
''कॉन्सुलर ऐक्सेस नहीं दे रहा पाक''
विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान अभी भी जाधव को बिना रोक और बाधा के कॉन्सुलर ऐक्सेस नहीं दे रहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार, 18 नवंबर को कहा, ''पाकिस्तान अभी भी जाधव को बिना किसी रोक और बाधा के कॉन्सुलर ऐक्सस नहीं दे रहा है. पाक ऐसा वातारण बनाने में नाकामयाब रहा है जिसमें मामले की निष्पक्ष सुनवाई हो सके.''
अरिंदम बागची ने कहा, ''सच से आगे कुछ भी नहीं हो सकता है. जैसा कि पहले बताया गया है, इस अध्यादेश में आईसीजे के फैसले के अनुसार जाधव मामले में प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार के लिए सिस्टम नहीं बनाया गया है.''
बागची ने दोहराया कि मामले में पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करना चाहिए.
आपको बता दें कि इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने अपने फैसले में पाकिस्तान से कहा था कि वो जाधव को मिलिटरी कोर्ट के फैसले के खिलाफ समीक्षा और पुनर्विचार का अधिकार सुनिश्चित करे.
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