अपनी कवर स्टोरी में इंफोसिस पर आरोप लगाने के बाद, आरएसएस से जुड़ी मैगजीन पांचजन्य ने अपनी लेटेस्ट स्टोरी में अमेजन (Amazon) पर निशाना साधा है. अमेजन की तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी से करते हुए पांचजन्य ने कंपनी पर भ्रष्ट गतिविधियों का आरोप लगाया है. इसने अमेजन पर प्राइम वीडियो के जरिये हिंदू मूल्यों पर हमला करने का भी आरोप लगाया.
'ईस्ट इंडिया कंपनी 2.0' टाइटल से, पांचजन्य की कवर स्टोरी कहती है, "असल में, अमेजन भी भारतीय बाजार पर एकमात्र अधिकार रखना चाहता है. इसके लिए इसने यहां के लोगों की राजनीतिक, आर्थिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को घेरने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. उस पर ई-मार्केट प्लेटफॉर्म पर कब्जा करने के लिए शेल कंपनियों को बनाने, नीतियों को अपने पक्ष में करने के लिए रिश्वत देने और प्राइम वीडियो के जरिये भारतीय संस्कृति के खिलाफ कार्यक्रमों को प्रसारित करने का आरोप है."
मैगजीन ने आरोप लगाया कि जहां अमेजन ने भारत में छोटे व्यापारियों को प्रोडक्ट बेचने के लिए एक बड़ा प्लेटफार्म देने में मदद करने के वादे के साथ निवेश किया, लेकिन असल में ऐसा करने के लिए उसने अपनी खुद की कंपनियां बनाईं.
ये दावा करते हुए कि 2 कंपनियों के पास अमेजन बिजनेस का 35% है, मैगजीन ने कहा, "कंपनी ने Cloudtail और Apiria जैसी सप्लायर इकाइयां बनाईं, जिनमें इसकी महत्वपूर्ण हिस्सेदारी और इंडायरेक्ट कंट्रोल था."
ईस्ट इंडिया कंपनी से तुलना
अपने आर्टिकल में मैगजीन ने अमेजन की तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी से करते हुए लिखा है, "भारत पर कब्जा करने के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी ने 18वीं सदी में जो कुछ किया, वो सभी आज अमेजन की गतिविधियों में भी यही दिखाई देता है."
अमेजन प्राइम के शो पर भी आरोप
आर्टिकल में कहा गया है, "सूचना और प्रसारण मंत्रालय और कुछ राज्य सरकारों द्वारा ओटीटी प्लेटफॉर्म प्राइम वीडियो पर तांडव और पाताल लोक जैसे कार्यक्रमों में हिंदू विरोधी कंटेंट पर संज्ञान लेने के बाद, कंपनी ने माफी मांगी है. लोगों ने आरोप लगाया था कि प्राइम वीडियो नियमित रूप से ऐसे शो टेलीकास्ट कर रहा है, जिसमें हिंदू देवताओं का मजाक उड़ाया जाता है और पारिवारिक मूल्यों पर हमला किया जाता है."
इंफोसिस को बताया था एंटी-नेशनल
कुछ दिनों पहले पांचजन्य ने अपनी कवर स्टोरी में इंफोसिस पर 'नक्सल, वामपंथी और टुकड़े टुकड़े गैंग' जैसी 'राष्ट्र-विरोधी ताकतों' के साथ गठबंधन करने का आरोप लगाया था. इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल पर आ रही खामियों को लेकर भी इंफोसिस पर निशाना साधा गया था.
(इनपुट्स- द इंडियन एक्सप्रेस)
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