पंचकुला हिंसा केस की सुनवाई कर रही कोर्ट ने स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम को झटका दिया है. कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम के 53 समर्थकों पर लगीं देशद्रोह और हत्या के प्रयास की धाराएं हटाने का आदेश दिया है.
बता दें कि बीते साल 25 अगस्त को हरियाणा के पंचकुला में हिंसा हुई थी. इस मामले की जांच को लेकर पंचकुला पुलिस ने एसआईटी का गठन किया था. एसआईटी ने कार्रवाई करते हुए कई आरोपियों को गिरफ्तार किया था, इन पर देशद्रोह समेत कई धाराएं लगाई गईं थीं.
हनीप्रीत को नहीं मिली राहत
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास और देशद्रोह की धाराएं लगाई हैं. लेकिन सबूतों से यह साबित नहीं होता कि किसी पुलिसकर्मी या किसी और को जान का खतरा था. कोर्ट ने कहा कि इन आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं.
हालांकि कोर्ट ने कहा है कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की करीबी हनीप्रीत इंसां, आदित्य इंसां और दूसरे आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह और आपराधिक साजिश के मामले जारी रहेंगे.
सबूत पेश नहीं कर पाई पुलिस
बचाव पक्ष के वकीलों ने कोर्ट को बताया कि पुलिस मामले से जुड़ी सीसीटीवी फुटेज की रिकॉर्डिंग या ऐसे तथ्य पेश नहीं कर पाई, जिससे आरोपियों पर देशद्रोह का आरोप साबित हो सके. बचाव पक्ष के वकील के मुताबिक, आरोपियों के खिलाफ अब पंचकुला की चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की ट्रायल कोर्ट में सुनवाई होगी.
बता दें कि बीते साल 25 अगस्त के दिन डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बलात्कार के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकुला में हिंसा भड़की थी. इस हिंसा में 34 लोगों की मौत हो गई थी. हिंसा के दौरान गुरमीत राम रहीम के समर्थकों ने करीब 400 करोड़ की सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था.
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