पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी (जाप) के अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बुधवार को बिहार के सुपौल जिले के वीरपुर जेल में भूख हड़ताल की. यादव को मंगलवार को पटना में लॉकडाउन के उल्लंघन के मामले में गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद, उन्होंने आरोप लगाया कि मधेपुरा पुलिस ने उन्हें 30 साल पुराने एक मामले में गिरफ्तार किया है.
मेरी लड़ाई जारी रहेगी- पप्पू यादव
एक भावनात्मक ट्वीट में, यादव ने कहा, "कोरोना रोगियों की मदद करना, उनके जीवन को बचाना और दवा, एम्बुलेंस, ऑक्सीजन और अस्पताल माफियाओं को उजागर करना मेरा अपराध है. मेरी लड़ाई जारी रहेगी."
उन्होंने आगे कहा, “मैं वीरपुर जेल में भूख हड़ताल पर हूं. मेरे सेल में कोई पानी नहीं, कोई वाश रूम नहीं है, और कोई कमोड नहीं है. मेरा हाल ही में सर्जिकल ऑपरेशन हुआ है और मैं बैठने में असमर्थ हूं.”
मंगलवार को यादव ने दावा किया था कि सीएम नीतीश कुमार ने भाजपा के दबाव में उनकी गिरफ्तारी का आदेश दिया था.
30 साल पुराने मामले में गिरफ्तारी
उन्होंने कहा, "मैं पिछले डेढ़ महीने से लगातार कोरोना के मरीजों की सेवा कर रहा हूं. मधेपुरा पुलिस ने 30 साल पुराने मामले में मुझे गिरफ्तार किया है. यह मामला अदालत में लंबित है. मैंने नीतीश कुमार से यह स्पष्ट करने के लिए कहा कि क्या मुझे गिरफ्तार करना आवश्यक है. वो भी ऐसे समय में जब कोरोना का मामला बिहार में उच्चतम स्तर पर है."
“यह मेरे खिलाफ एक बड़ी साजिश है. मैं आज एक नेगेटिव व्यक्ति हूं और अगर मेरे साथ जेल में कुछ हुआ है, तो इसके लिए नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया जाएगा.”
यादव ने कहा, "मैं लालू प्रसाद यादव से बिहार को बचाने के लिए संघर्ष को तेज करने की अपील करता हूं. अब मैं जेल में हूं इसलिए तेजस्वी यादव को सड़क पर आना चाहिए और बिहार के लोगों को, कोरोना रोगियों को दवा और बिस्तर उपलब्ध कराने में मदद करनी चाहिए."
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