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AAP सांसद राघव चड्ढा निलंबित, राज्यसभा और लोकसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित

Parliament Monsoon Session Update: अधीर रंजन चौधरी के निलंबन के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी दोपहर 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे.

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संसद में मॉनसून सत्र का आज (11 अगस्त) आखिरी दिन है. संसद की कार्यवाही से निलंबित अधीर रंजन चौधरी को लेकर कांग्रेस ने अपने सासंदों की बैठक बुलाई थी. अधीर रंजन चौधरी के निलंबन के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी दोपहर 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे. लोकसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होने के 2 मिनट बाद ही हंगामे के चलते स्थगित हो गई. राज्यसभा में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी के सस्पेंशन का मुद्दा उठा.

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राज्यसभा से AAP सांसद राघव चड्ढा निलंबित

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है. दरअसल, राघव चड्ढा पर एक प्रस्ताव पर बिना सहमति के कुछ सांसदों का नाम डालने का आरोप लगाया गया है, जिसके बाद अब उनके खिलाफ संसद की विशेषाधिकार समिति जांच की जांच चल रही है. इस मामले पर राघव चड्ढा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि बीजेपी का मूलमंत्र है - Repeat a Lie 1000 Times, and it'll be taken as Truth‼️ मेरे खिलाफ प्रोपेगेंडा शुरू किया गया कि मेरे हस्ताक्षर में फर्जीवाड़ा हो गया. प्रिविलेज कमेटी के केस के बाद अमूमन कोई पब्लिक स्टेटमेंट नहीं दी जाती, पर मजबूरन मुझे BJP के झूठ का पर्दाफाश करने के लिए बोलना पड़ रहा है. राज्य सभा रूल बुक में लिखा है कि किसी का नाम सेलेक्ट कमेटी में प्रस्तावित करने के लिए सिग्नेचर नहीं चाहिए. सिग्नेचर की जब जगह ही नहीं, जरूरत ही नहीं तो फर्जीवाड़ा कैसा? ये आरोप इसलिए सरासर झूठा और बेबुनियाद है.

संसद के मॉनसून सत्र के आखिरी दिन सरकार ने न्‍याय व्‍यवस्‍था में आमूल-चूल बदलाव वाले विधेयक पेश किए. ये इंडियन पीनल कोड (IPC), क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (CrPC) और इंडियन एविडेंस एक्‍ट की जगह लेंगे.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में पेश किए तीन विधेयक

  • भारतीय न्याय संहिता विधेयक (The Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023)

  • भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक (The Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita 2023)

  • भारतीय साक्ष्य विधेयक (The Bharatiya Sakshya Bill, 2023) पेश किए.

इस दौरान उन्होंने कहा कि ये तीनों बिल, कानून सिलेक्‍ट कमिटी को भेजे जाएंगे. इनके जरिए अंग्रेजों के समय से चले आ रहे प्रावधान बदले जाएंगे. इन कानूनों से आम जनता को पुलिस अत्‍याचार से मुक्ति मिलेगी. यौन हिंसा के मामले में पीड़‍िता का बयान कंपलसरी किया गया है, पुलिस को 90 दिन में स्‍टेटस देना होगा.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा में भारतीय संहिता सुरक्षा विधेयक, 2023 पर बोलते हुआ कहा कि...

"1860 से 2023 तक देश की आपराधिक न्याय प्रणाली अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानूनों के अनुसार कार्य करती रही. तीन कानून बदल जाएंगे और देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव होगा."

राजद्रोह कानून पूरी तरह निरस्‍त कर देंगे: शाह

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि आईपीसी पर नया बिल देशद्रोह के अपराध को पूरी तरह से निरस्त कर देगा. 'भारतीय न्याय संहिता' (नई आईपीसी) में अलगाव, सशस्त्र विद्रोह, विध्वंसक गतिविधियों, अलगाववादी गतिविधियों या भारत की संप्रभुता या एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्यों पर एक नया अपराध भी जोड़ा गया है.

उन्होंने कहा कि...

"इस विधेयक के तहत हमने लक्ष्य रखा है कि सजा का अनुपात 90% से ऊपर ले जाना है. इसीलिए, हम एक महत्वपूर्ण प्रावधान लाए हैं कि जो धाराएं 7 साल या अधिक जेल की सजा का प्रावधान करती हैं , उन सभी मामलों के तहत फोरेंसिक टीम का अपराध स्थल पर जाना अनिवार्य कर दिया जाएगा."

IPC, CrPC और एविडेंस एक्‍ट में क्‍या-क्‍या बदलाव?

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में विधेयक पेश करते हुए बताया कि मॉब लिंचिंग के मामलों में सजा-ए-मौत दी जा सकेगी. अलगाववाद और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसे अपराधों को एक अलग अपराध के रूप में परिभाषित किया गया है. दाऊद इब्राहिम जैसे फरार अपराधियों पर उसकी अनुपस्थिति में मुकदमा चलाने का प्रावधान लाया गया.

राज्‍यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी सदस्‍यों के निलंबन का मुद्दा उठाया. उन्होंने हाथ जोड़ते हुए सभापति जगदीप धनखड़ से कहा, 'प्‍लीज मेरा माइक बंद न करें.' दरअसल, जैसे ही खड़गे बोलने के लिए उठे सभापति उन्हें रोकने लगे.

इस खड़गे ने कहा कि...

"हम तो इसमें विश्वास रखते हैं कि कल करने का है तो आज करो. आज करने का है तो अभी करो. पल में प्रलय होगा फिर करोगे कब. सर डिबेट में छोटी-मोटी बात होती रहती है. जब एक-दूसरे के विषय में कहते हैं, अगर वह अनपार्लियामेंट्री है, किसी को दुखी करता है तो उसे आप कह सकते हैं कि ये अनपार्लियामेंट्री है. ये ठीक नहीं है. लेकिन वहां (लोकसभा में) हमारे अधीर रंजन चौधरी साहब को निलंबित किया गया. वो बेहद हल्का मामला था. उन्होंने इतना ही बोला 'नीरव मोदी', नीरव मतलब शांत. साइलेंट, वो नीरव मोदी बोले, इसलिए आप उसे सस्पेंड करते हैं."

खड़गे ने आगे कहा कि मैं देश के उपराष्ट्रपति और सदन के सभापति से अपील करता हूं, क्योंकि आपको लोकतंत्र की हिफाजत करनी है."

उन्होंने कहा कि...

"वो पब्लिक अकाउंट कमेटी, बिजनेस एडवाइजरी कमेटी, सीबीआई, सीवीसी की सिलेक्शन कमेटी में हैं. उन्हें निलंबित करना, इन सभी संस्थानों से दूर रखना है जो ठीक नहीं है."

इस बीच सदन में उन सांसदों को विदाई दी गई, जिनका कार्यकाल खत्म हो रहा है. सभापति जगदीप धनखड़ के बाद नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विदाई दी. खड़गे ने सभापति से कहा 'पता नहीं कि दोबारा हम मिलेंगे या नहीं, हमारी उम्र हो रही है.'

जब सभापति ने कहा क‍ि अपने मन की बात कीजिए तो खड़गे ने कहा कि दिल की बात करूंगा, मन की बात तो मोदी जी करते हैं. इस पर सभापति ने कहा कि दिल से मन की बात कर लीजिए.

अधीर रंजन चौधरी के सस्पेंशन पर कांग्रेस पार्लियामेंट्री बैठक

मॉनसून सत्र में 10 अगस्त को चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने एक विवादित बयान दिया. अधीर ने कहा, जहां राजा अंधा, वहां द्रौपदी का चीरहरण होता है.

उनके इस बयान के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्रलाद जोशी ने चौधरी को सस्पेंड करने का प्रस्ताव दिया, जिसे स्पीकर ने स्वीकार कर लिया. अधीर के सस्पेंशन को लेकर CPP (कांग्रेस पार्लियामेंट्री पार्टी) अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 11 अगस्त की सुबह कांग्रेस के लोकसभा सांसदों की बैठक बुलाई. यह मीटिंग संसद स्थित CPP कार्यालय में हुई.

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अधीर रंजन चौधरी के सस्पेंशन पर किसने-क्या कहा?

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि संविधान की धारा 105(1) के तहत, हर सांसद को संसद में बोलने की स्वतंत्रता है. यदि बहुमत की शक्ति का दुरुपयोग करके किसी भी सांसद को इस प्रकार निलंबित किया जाए, तो यह लोकतंत्र के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. यह सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए उपयुक्त मामला है.

CPI सांसद बिनॉय विश्वम ने अधीर रंजन चौधरी को निलंबित किए जाने पर कहा कि संसद में किसी को भी किसी भी वक्त निलंबित किया जा सकता है, वही आज की संसद है. यह संसद में सत्तारूढ़ पीठों की इच्छाओं को एकतरफा थोपने का स्थान बन गया है.

नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे अफसोस है कि उन्होंने आखिरी दिन (संसद सत्र के) एक अच्छे सदस्य को निलंबित किया.

वहीं, कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि अधीर रंजन चौधरी का निलंबन संसद में तानाशाही और संख्या का दुरुपयोग है.

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