संसद का मॉनसून सत्र 14 सितंबर से शुरू हो गया है. कोरोना वायरस महामारी के बीच शुरू हुआ ये सत्र कई मायनों में खास है. संक्रमण को ध्यान में रखते हुए नए नियम लागू किए गए. देश में पिछले संसद सत्र से अब तक काफी कुछ घट चुका है, जिसकी चर्चा आने वाले दिनों में देखने को मिल सकती है. मॉनसून सत्र के पहले दिन केंद्र ने कहा कि लॉकडाउन में प्रवासियों की मौत का कोई आंकड़ा मौजूद नहीं है.
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लोकसभा की कार्यवाही 15 सितंबर दोपहर 3 बजे तक के लिए स्थगित हो गई है. लेकिन, सत्र के पहले दिन क्या-क्या हुआ और किसने क्या कहा, आइए जानते हैं.
- पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद पहली बार फारूक अब्दुल्ला संसद में मौजूद रहे.
- केंद्र ने संसद में बताया कि 68 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन में कितने प्रवासी मजदूरों की जान गई है, इसका कोई डेटा मौजूद नहीं है.
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी. डॉ हर्षवर्धन ने कहा, "भारत में प्रति मिलियन लोगों में 3,328 केस और 55 मौतें हो रही हैं."
- एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि संसद में अर्थव्यवस्था पर चर्चा होनी चाहिए. सुले ने कहा, "मैं इस सरकार को अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी पर बात करते हुए नहीं देख पा रही हूं."
- प्रश्नकाल के मुद्दे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इसे सस्पेंड करने का फैसला ज्यादातर राजनीतिक दलों की मंजूरी के बाद ही लिया गया था.
- कांग्रेस ने प्रश्नकाल को सस्पेंड किए जाने को लोकतंत्र का 'गला घोंटना' बताया.
- DMK प्रमुख एमके स्टालिन ने सवाल किया कि संसद दो दिनों में NEET और नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) जैसे मुद्दों पर चर्चा कैसे करेगी.
- सभी सांसदों ने प्रणब मुख़र्जी, लालजी टंडन, अजित जोगी, चेतन चौहान, रघुवंश प्रसाद सिंह जैसे नेताओं को श्रद्धांजलि दी.
- सत्र शुरू होने से पहले DMK समेत UPA की सहयोगी पार्टियों ने NEET को रद्द किए जाने की मांग करते हुए संसद के बाहर प्रदर्शन किया.
- सत्र शुरू होने से पहले अनिवार्य कोरोना वायरस टेस्ट में 17 सांसद पॉजिटिव पाए गए.
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